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रूसी रक्षा मंत्रालय की तस्वीरों ने चौंकाया: क्या मोदी के गले मिलकर भारत से डबल गेम कर रहे पुतिन:

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा पूरी हो चुकी है। इसके बाद वह ऑस्ट्रिया के लिए रवाना हुए हैं। रूस में पीएम मोदी का जबरदस्त स्वागत किया गया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद पीएम मोदी की अगवानी की। दोनों की गले मिलने की तस्वीरों की चर्चा पूरी दुनिया में हुई है। इस मुलाकात को दोनों देशों के संबंधों में एक नए दौर के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, इसी दौरान रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक और तस्वीर जारी की, जिसने भारत की चिंता को बढ़ा दिया। इसके बाद लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे कि क्या पुतिन भारत के साथ डबल गेम खेल रहे हैं, या फिर यह मोदी सरकार पर दबाव की रणनीति है।

रूसी सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच बैठक

दरअसल, रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि रूसी सशस्त्र बलों के उप-प्रमुख जनरल स्टाफ कर्नल जनरल सर्गेई इस्तराकोव ने इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के साथ बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद, मादक पदार्थों की तस्करी और सीमा पार अपराध से निपटने के लिए बहुपक्षीय प्रारूप में अधिक निकटता से काम करने की मंशा व्यक्त की।

पाकिस्तान से सैन्य संबंध बढ़ा रहा रूस

मंत्रालय ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य क्षेत्र में गतिशील रूप से विकसित हो रहे पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों की सराहना की और सैन्य सहयोग को गहरा करने के लिए संचित क्षमता का सबसे कुशल उपयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। पाकिस्तान के साथ रूस के बढ़ते सैन्य संबंधों ने भारत को सशंकित कर दिया है। भारत और पाकिस्तान में आजादी के बाद से ही दुश्मनी है। भारत शुरू से ही रूस का करीबी रहा है, जबकि पाकिस्तान अमेरिका का। भारत के कारण ही रूस ने कभी भी पाकिस्तान को इतना भाव नहीं दिया।

रूस-पाकिस्तान में बढ़ रही दोस्ती

चंद दिनों पहले कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की थी। इस दौरान पुतिन ने पाकिस्तान को रूसी तेल की सप्लाई और अनाज के निर्यात को बढ़ाने का भरोसा दिया। पाकिस्तानी पीएम ने भी पैसों की जगह सामान से सामान की अदला-बदली का सुझाव दिया। बता दें कि पिछले साल रूस ने पहली बार पाकिस्तान को तेल निर्यात शुरू किया था।

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