गुना

फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हांसिल की, बर्खास्त: ऐसे लोग टीचर बनेंगे तो छात्रों को क्या पढ़ाएंगे

गुना डेस्क :

प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आवेदकों ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगा दिया।इसमे सबसे ज्यादा चयनित आवेदक मुरैना जिले के थे। अब ऐसे ही एक शिक्षक को गुना में नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उसने फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हांसिल की थी। गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

दरअसल, ये सारा खेल विकलांगता के फर्जी सर्टिफिकेट से रचा गया है। कर्मचारी चयन मंडल मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक पद की पात्रता परीक्षा में मुरैना जिले के जौरा ब्लॉक के गुर्जना गांव में रहने वाले दीपक शर्मा की नियुक्ति प्राथमिक शिक्षक के पद पर हुई थी। उन्हें गुना जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय मनोरापुरा में नियुक्ति मिली थी। उनके द्वारा मुरैना जिले का विकलांगता सर्टिफिकेट लगाया गया था। इसकी जांच मुरैना कलेक्टर से कराई गयी। जांच के दौरान पता चला कि उनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र फर्जी है।

बता दें कि सरकार ने ऐसे 80 लोगों पर मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। इनमें से 77 की रिपोर्ट आ चुकी है। ओवरराइटिंग वाले तीन प्रमाण पत्रों की जांच जारी है। दिव्यांग कोटे से हुई टीचर भर्ती फर्जीवाड़े की पड़ताल की, तो चौंकाने वाली बात सामने आई। कई के प्रमाण पत्रों पर ऐसे सरकारी डॉक्टरों के दस्तखत हैं, जो पहले ही रिटायर हो चुके हैं।

18 हजार शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा मामला

कर्मचारी चयन मंडल ने प्राथमिक शिक्षक के 18 हजार पदों के लिए पात्रता परीक्षा कराई थी। इसमें 1086पद दिव्यांगों के लिए आरक्षित थे। परिणाम के आधारपर 755 पदों पर आवेदकों का चयन हुआ है। चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से 450 दिव्यांग टीचर सिर्फ मुरैना जिले से चुने गए हैं। एक जिले से इतनी संख्या में दिव्यांग टीचर बनने का मामला सामने आने के बाद सेही सवाल उठने लगे थे। दिव्यांगों ने इस मामले में आयुक्त नि:शक्तजन कल्याण संदीप रजक से शिकायत की थी। उन्होंने आयुक्त लोक शिक्षण एवं आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को नोटिस जारी कर दिव्यांग कोटे से चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के निर्देश दिए थे।

भर्ती परीक्षा में सबसे अधिक मुरैना जिले के 450आवेदकों का चयन हुआ था। दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई तो इनमें से 80 के प्रमाण पत्र संदिग्ध मिले। जांच के बाद 77 के फर्जी होने की पुष्टि हुई।इनमें से 60 स्कूल शिक्षा विभाग और 17 जनजातीय कार्य विभाग में पदस्थ थे। सभी के दिव्यांग प्रमाण पत्रपर विशेषज्ञ चिकित्सक, सिविल सर्जन की सील लगाई गई है। 3 प्रमाण पत्रों पर ओवरराइटिंग की गई है,जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है।

DEO ने किया बर्खास्त

मुरैना कलेक्टर की जांच और प्रतिवेदन के बाद दीपक शर्मा को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अपने आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया ने लिखा कि “दीपक शर्मा रोल नंबर 22806726 पिता मुन्नालाल पता 35 गांव गुर्जना पोस्ट भर्रा जौराजिला मुरैना 476224 की नियुक्ति इस कार्यालय के आदेश क्रमांक 1811 दिनांक 30.03.2023 से प्राथमिक शिक्षक के पद पर शा.प्रा.वि. मनोरापुरा शाला जिला गुना में दिव्यांगता श्रेणी HH में की गई थी। दीपक शर्मा द्वारा मुरैना जिले का दिव्यांगता प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर उसके आधार पर दिव्यांगता की श्रेणी में आरक्षण प्राप्त कर नियुक्ति प्राप्त की गई। संबंधित द्वारा प्रस्तुत दिव्यांगता प्रमाणपत्र की कलेक्टर मुरैना से जाँच करवाई गई।

कलेक्टर मुरैना द्वारा अपने पत्र क्रमांक 179 दिनांक 15.05.2023 से यह लेख किया गया है कि सिविल सर्जन, सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय मुरैना के पत्र क्रमांक / विकलांग शाखा / 2023/ 7602 मुरैना दिनांक 12.05.2023 द्वारा 77 दिव्यांग प्रमाणपत्रों का विकलांगता पंजी में दर्ज होना नहीं पाया गया। इस सूची में अंकित 77 दिव्यांग प्रमाणपत्र जो मुरैना जिले से जारी होना नहीं पाए गए हैं उनमें दीपक शर्मा द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्र भी सम्मिलित है। इससे स्पष्ट है कि दीपक शर्मा पिता मुन्नालाल द्वारा कूटरचित दिव्यांगता प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की गई।

संबंधित द्वारा नियुक्ति के दौरान ज्वाइनिंग के समय शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था जिसमें यह स्पष्ट लेख था कि “मेरे द्वारा जो जानकारियां दी गई हैं और जो दस्तावेज प्रस्तुत किये गये हैं यदि उनमें कोई भी जानकारी / दस्तावेज असत्य पाये जाते हैं तो मेरी सेवा तत्काल समाप्त की जा सकेगी तथा मेरे विरूद्ध असत्य शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के लिए भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सकेगा।” कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत करने एवं शपथ-पत्र में गलत जानकारी देकर नियुक्ति प्राप्त करने के कारण दीपक शर्मा पिता मुन्नालाल की प्राथमिक शिक्षक पद पर की गई नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाती है।”

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