ग्वालियर

कूनो से ग्वालियर पहुंचा चीता ‘वीरा’:भंवरपुरा के गांव में बकरियों का शिकार किया, ग्रामीणों में दहशत

ग्वालियर डेस्क :

ग्वालियर के भंवरपुरा में इस समय दहशत का माहौल है। इस बार दहशत डकैतों की नहीं, बल्कि चीता “वीरा’ की है। शनिवार सुबह श्योपुर के कूनो से निकलकर चीता ग्वालियर-मुरैना की सीमा पर बसे गांव भंवरपुरा के बाग वाला गांव पहुंच गया। यहां वीरा ने तीन बकरियों को शिकार किया। वहीं, एक बकरी को खींचकर जंगल में ले गया।

खेत की मेढ़ पर पेड़ के छांव में बैठकर चीता बकरी को खाता दिखा है, जिससे गांव के लोगों में दहशत है। गांव के लोग अकेले नहीं निकल रहे हैं। झुंड में खेतों की ओर जा रहे थे। गांव में चीता “वीरा’ के आने की खबर के बाद वन विभाग की टीम अलर्ट हो गई है। चीता की तलाश में टीमें लगा दी गई हैं।

श्योपुर के पालपुर कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीता में से एक नर चीता “वीरा’ को ग्वालियर-मुरैना की सीमा से लगे जंगलों में देखा गया है। शनिवार सुबह भंवरपुरा के बाग वाला गांव में “वीरा’ ने दस्तक दी है। गांव के नजदीक खेतों पर बकरी चरा रहे चरवाहे धर्मवीर गुर्जर की बकरीयों पर हमला कर दिया। दो बकरियों को घायल कर दिया, जबकि एक बकरी को मारकर घसीटकर जंगल किनारे खेत में ले गया है। धर्मवीर गुर्जर ने इसकी सूचना गांव के सरपंच शिव सिंह गुर्जर को दी। इसके बाद गांव के अन्य लोगों के साथ झुंड में खेतों की ओर पहुंचे। गांव के लोगों ने देखा कि चीता, बकरी का शिकार करने के बाद खेत की मेढ़ पर पेड़ की छांव में पैरों से दबाकर उसे खा रहा था, जबकि वहां अन्य दो बकरी घायल पड़ी थीं।

भंवरपुरा पहुंचा वन अमला, रेस्क्यू की कोशिश
गांव के लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों दी। एक घंटे बाद ग्वालियर से वन विभाग के रेंजर अंकित पाण्डे, रेंजर शैलेन्द्र गुर्जर, रेंजर मोहना सचिन गुप्ता समेत अन्य स्टाफ घटनास्थल पर पहुंचे। वन विभाग की टीम रेस्क्यू नहीं कर पाई। चीता सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक मेढ़ पर बैठा रहा। डीएफओ और सीसीएफ ने “वीरा’ को पकड़कर वापस कूनो पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।

दहशत में ग्रामीण, खेतों पर रात को ग्रुप में दे रहे पहरा
भंवरपुरा व आसपास के गांव में दहशत का माहौल है। बाग वाले गांव में लोग खेतों पर ग्रुप में जा रहे हैं। खेतों पर मवेशी भी होते हैं। उनकी रक्षा के लिए गांव वाले डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं, क्योंकि आचार संहिता के चलते गांव के सभी लाइसेंसी हथियार थानों में जमा हैं।

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