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कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी: राघोगढ़ में ‘किले’ के सामने ‘कोठी’, तीन चुनाव हारे कन्हैयालाल अग्रवाल के बेटे को टिकट

गुना डेस्क :

नवरात्रि के पहले दिन कांग्रेस ने पहली सूची जारी कर दी है। जिले की तीन विधानसभाओं में प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इसके साथ ही जिले की दो विधानसभा में प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट हो गयी है। राघोगढ़ और चांचौड़ा में भाजपा-कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी घोषित हो गए हैं। कांग्रेस ने जहां गुना विधानसभा को होल्ड पर रखा है, वहीं भाजपा ने गुना और बमोरी विधानसभा को होल्ड पर रखा हुआ है। भाजपा की अगली सूची में इन दोनों विधानसभा में भी प्रत्याशी घोषित किये जा सकते हैं। बमोरी विधानसभा में फिर एक बार सुमेर सिंह को मौका नहीं मिला है। यहां से कांग्रेस ने पिछले तीन चुनाव हारे कन्हैयालाल अग्रवाल के बेटे ऋषि अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है।

बमोरी में सर्वे के आधार पर टिकट

जिले की बमोरी विधानसभा 2018 तक कांग्रेस के प्रभाव वाली सीट मानी जाती थी। 2020 में महेंद्र सिंह सिसोदिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा जॉइन कर ली। 2020 में हुए उपचुनाव में यह सीट भाजपा के पास आ गई थी। इस सीट पर सिंधिया का प्रभाव रहा है। उनके कांग्रेस में रहते जब इस सीट पर प्रत्याशी घोषित करने की बात होती थी, तो कहा जाता था कि सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का वीटो चलता है। इसलिए वहां से कभी दिग्विजय सिंह के समर्थक को टिकट नहीं मिला। हालांकि, सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद 2020 में इस सीट परहे उपचुनाव में यह माना जा रहा था कि अब यहां से दिग्विजय सिंह के समर्थक को टिकट मिलेगा, लेकिन कांग्रेस ने कन्हैयालाल अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया।

अब 2023 के आम चुनाव में यहां से दिग्विजय गुट के सुमेर सिंह गढ़ा प्रबल दावेदार थे। वह लम्बे समय से टिकट मांगते रहे हैं, लेकिन यहां सिंधिया के वीटो का हवाला देकर उन्हें टिकट नहीं दिया जाता था। लेकिन, इस बार फिर कांग्रेस ने उनकी जगह कन्हैयालाल अग्रवाल के पुत्र ऋषि अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सूत्रों की मानें तो इस सीट पर दिग्विजय सिंह की नहीं चली है। सर्वे को आधार बनाकर टिकट दिया गया है। अब सुमेर सिंह का क्या रुख रहता है, यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो सकेगा।

राघोगढ़ में ‘किले‘ के सामने ‘कोठी

राघोगढ़ से कांग्रेस ने दो बार के विधायक और किले के ‘युवराज’ जयवर्धन सिंह को प्रत्याशी बनाया है। उनके सामने भाजपा ने ‘किले’ के पूर्व रणनीतिकार रहे स्व मूलसिंह दादाभाई के पुत्र हीरेन्द्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। हीरेन्द्र सिंह के पिता दो बार विधायक रहे। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी रहे। ऐसा कहा जाता है कि दिग्विजय सिंह के लिए चुनावी और अन्य रणनीति वही बनाते थे। वह दिग्विजय सिंह के काफी विश्वसनीय लोगों में से एक थे। हालांकि, 2021 में उनके बेटे हीरेन्द्र सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। इस सीट पर प्रमुख मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही होगा। कुछ राजनैतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस को इस सीट से ज्यादा समस्या नहीं होने वाली है और जयवर्धन सिंह आसानी से इस सीट को निकाल लेंगे।

चांचौड़ा में भाजपा बनाम कांग्रेस

कांग्रेस ने चांचौड़ा से लक्ष्मण सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वह वर्तमान में इसी सीट से विधायक हैं। लक्ष्मण सिंह 5 बार सांसद रह चुके हैं। वहीं भाजपा ने इस सीट से पहले ही प्रियंका पेंची को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। भाजपा की बागी ममता मीना ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया और आप ने उन्हें चांचौड़ा से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही देखने को मिल सकता है। हालांकि, यह पहला मौका है जब किले की ‘छोटी रानी’ और लक्ष्मण सिंह की पत्नी रुबीना सिंह भी पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रही हैं।

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