विदिशा

15 ग्रामीण जनों का जत्था चार धाम यात्रा के लिए रवाना: देवी चरण नामदेव ने कहा बड़े भाग्य से यह दिन आया है

आनंदपुर डेस्क :

ग्रामीण जन खेती किसानी सहित सारे कामों से निवृत होकर अब अपनी मनपसंद तीर्थ स्थानों की यात्राओं पर निकाल कर धार्मिक लाभ अर्जित कर रहे हैं इसी क्रम में आज सोमवार को ग्राम ओखली खेड़ा से 15 धर्म प्रेमी बंधु चार धाम की पवित्र यात्रा पर निकले हैं। यात्रियों का जप्त अपनी चार धाम यात्रा का शुभारंभ आगरा के ताजमहल और गोवर्धन परिक्रमा मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के दर्शन से करेगा। और यात्रा का समापन सांवरिया सेठ के दर्शन के उपरांत होगा।
सोमवार के दिन नरसिंह भगवान के मंदिर पर पूजा अर्चना करने के बाद सभी यात्री टूरिस्ट बस में सवार होकर चार धाम यात्रा के लिए रवाना हुए।

ग्रामीण जनों में सभी यात्रियों का पुष्प माला से स्वागत कर चार धाम यात्रा की अग्रिम बधाइयां दी। चार धाम यात्री देवी चरण नामदेव ने बताया कि उनकी हार्दिक इच्छा थी कि वह एक बार चार धाम की यात्रा जरूर करें आज बड़े भाग्य से यह दिन आया है इसलिए मैं और मेरी धर्मपत्नी सहित ग्राम के लगभग 14-15 लोग इस पावन पवित्र यात्रा पर जा रहे हैं मन में बहुत खुशी है। ग्राम के अनिल नामदेव ने बताया कि हमारे ग्राम से लगभग 14- 15 ग्रामीण जन चार धाम की यात्रा पर गए हैं जिनमें मेरे मम्मी पापा भी सम्मिलित है बुजुर्गों की इच्छा होती है अपने जीवन में अतीत यात्रा करें। तो हमने भी सोचा कि बुजुर्गों की इच्छाएं भी पूरी होना चाहिए यह यात्रा लगभग एक माह तक चलेगी।

अब जानते हैं चार धाम यात्रा के बारे में

चार धाम यात्रा, चार पवित्र स्थलों की यात्रा है। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। चार धाम भारतीय राज्य उत्तराखंड में राजसी हिमालय के बीच स्थित चार प्रतिष्ठित मंदिरों की तीर्थयात्रा को संदर्भित करता है। इन मंदिरों में यमुनोत्री, गंगोत्री , केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। प्रत्येक मंदिर विभिन्न देवताओं और अद्वितीय आध्यात्मिक ऊर्जाओं को समर्पित है। बद्रीनाथ विष्णु का मंदिर है। केदारनाथ शिव का मंदिर है। गंगोत्री गंगा का मंदिर है। यमुनोत्री यमुना का एक मंदिर है। ये 4 धाम के पवित्र स्थल उत्तराखंड में स्थित हैं। इसे देवभूमि या देवताओं की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी में चार धाम का अर्थ है, “चार” का अर्थ है चार और “धाम” का अर्थ है धार्मिक स्थल।

ये चारों मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित हैं और हर साल छह महीने के लिए बंद रहते हैं। गर्मियों में, वे अप्रैल या मई में खुले रहते हैं और अक्टूबर या नवंबर में बंद रहते हैं।

News Update 24x7

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!