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रोजगार मेले में मध्यप्रदेश के चयनित प्राथमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए: PM बोले-2014 से पहले गरीब का हक लूटा जाता था, मोदी ने कहा- सरकार में भरोसा बढ़ा तो टैक्स देने वाले भी बढ़े

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश रोजगार मेले को वर्चुअली संबोधित करते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं मध्यप्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने वाले 5.5 हजार से ज्यादा शिक्षकों को बधाई देता हूं। मुझे बताया गया है कि पिछले 3 साल में MP में 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है। इसके लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है।’

CM हाउस में सोमवार को रोजगार मेले में मध्यप्रदेश के चयनित प्राथमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार मौजूद रहे। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।

PM मोदी ने कहा, ‘देश के नागरिकों का अपनी सरकार पर भरोसा निरंतर बढ़ रहा है। इस वजह से नागरिक ईमानदारी से अपना टैक्स दे रहे हैं। वे जानते हैं कि उनके टैक्स की पाई-पाई देश के विकास में खर्च की जा रही है। उन्हें साफ दिख रहा है कि 2014 से पहले जो अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें नंबर पर थी, वो आज 5वें नंबर पर पहुंच गई है। देश का नागरिक वो दिन भूल नहीं सकता, जब 2014 से पहले घोटालों और भ्रष्टाचार का दौर था। गरीब का हक लूट लिया जाता था। आज गरीब के हक का पूरा पैसा सीधे उसके खाते में पहुंच रहा है।’

मातृभाषा में पढ़ाई न कराकर छात्रों के साथ अन्याय हुआ

PM ने कहा, ‘विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने की दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बहुत बड़ा योगदान है। इसमें पारंपरिक ज्ञान से लेकर भविष्य की टेक्नोलॉजी तक को समान रूप से महत्व दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में नया पाठ्यक्रम भी तैयार किया गया है। मातृभाषा में पढ़ाई को लेकर एक और बहुत बड़ा काम हुआ है।

अंग्रेजी न जानने वाले छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई न कराकर उनके साथ बड़ा अन्याय किया गया था। यह एक तरह से सामाजिक न्याय के विरुद्ध था। अब इस अन्याय को भी हमारी सरकार ने दूर कर दिया है। अब सिलेबस में क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकों पर बल दिया गया है। देश की शिक्षा व्यवस्था में यह बहुत बड़े बदलाव का आधार बनेगा।’

उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा, ‘इस बार लाल किले से मैंने विस्तार से बात की है कि कैसे देश के विकास में राष्ट्रीय चरित्र की अहम भूमिका है। आप सभी पर भारत की भावी पीढ़ी को बढ़ाने, उन्हें आधुनिकता में ढालने, नई दिशा देने की जिम्मेदारी है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज जो शिक्षक बन रहे हैं, उनसे मैं एक और बात कहूंगा कि आप सभी कड़ी मेहनत से यहां तक पहुंचे हैं। आगे भी आप सीखते रहने की प्रवृत्ति जारी रखें। आपकी मदद के लिए सरकार ने ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ‘आईगॉटकर्मयोगी’ तैयार किया है।’

5 साल में 13 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से ऊपर आए

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब सकारात्मक सोच, सही नीयत, पूर्ण निष्ठा के साथ निर्णय होते हैं, तो पूरा वातावरण सकारात्मकता से भर जाता है। अमृत काल के पहले साल में ही दो बहुत बड़ी सकारात्मक खबरें आई हैं। यह खबरें देश में कम होती गरीबी और बढ़ती समृद्धि का परिचय देती हैं।

नीति आयोग की रिपोर्ट में आया है कि सिर्फ 5 साल के भीतर ही भारत में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए हैं। इस साल फाइल होने वाली इनकम टैक्स रिटर्न की संख्या भी दूसरा महत्वपूर्ण संकेत दे रही है। पिछले 9 साल में लोगों की औसत आय में भारी बढ़ोतरी हुई है। ITR के आंकड़ों के मुताबिक 2014 में यह करीब 4 लाख रुपए थी, अब 2023 में बढ़कर 13 लाख रुपए हो गई है। भारत में लोअर इनकम ग्रुप से उठकर अपर इनकम ग्रुप में जाने वालों की संख्या भी बढ़ी है।’

सिस्टम में लीकेज रुकने से गरीबों के काम कर पा रही सरकार

PM ने कहा, ‘सिस्टम से लीकेज रुकने का परिणाम यह भी हुआ है कि सरकार गरीब कल्याण पर पहले से कहीं ज्यादा खर्च कर पा रही है। बड़े पैमाने पर हुए इन्वेस्टमेंट ने भी देश के कोने-कोने में रोजगार का निर्माण किया है। एक उदाहरण कॉमन सर्विस सेंटर का है। 2014 के बाद से देश के गांवों में 5 लाख नए कॉमन सर्विस सेंटर बने। हर कॉमन सर्विस सेंटर आज कई लोगों को रोजगार दे रहा है। गांव, गरीब का कल्याण भी हुआ और रोजगार के मौके भी बने। आज देश में शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार.. इन तीनों ही स्तरों पर दूरगामी नीति और निर्णय के साथ अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं।’

पीएम विश्वकर्मा योजना से मिलेगा कौशल

PM ने कहा, ‘इस 15 अगस्त को मैंने लाल किले से PM विश्वकर्मा योजना की भी घोषणा की थी। यह इसी बात का प्रतिबिंब है कि हमारे विश्वकर्मा साथियों के पारंपरिक कौशल को 21वीं सदी की जरूरत के मुताबिक ढालने के लिए यह योजना बनाई गई है। इस पर लगभग 13 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

18 अलग-अलग तरह के कामों से जो परिवार जुड़े हुए हैं, उनको हर प्रकार की सहायता दी जाएगी। समाज का वह वर्ग लाभान्वित होगा, जिनके महत्व की चर्चा तो होती थी, लेकिन उनकी स्थिति बेहतर करने का कभी कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को ट्रेनिंग के साथ ही आधुनिक टूल्स खरीदने के लिए वाउचर भी दिए जाएंगे।’

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