भोपाल

भोपाल गौरव दिवस पर शिवराज सिंह का ऐलान- भोपाल में बनेगा कन्वेंशन सेंटर: इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी बनेगा

भोपाल डेस्क :

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि भोपाल में विशाल कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। राजधानी में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण भी किया जाएगा। यहां वेडलैंड कॉरिडोर और संग्रहालय बनाया जाएगा। आज यानी 1 जून को भोपाल का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। शाम करीब 7:30 बजे मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे हैं। यहां उन्होंने कहा कि यह भोपाल का गौरव के साथ ही स्वतंत्रता दिवस भी है।

सीएम शिवराज ने मौजूद लोगों को संकल्प दिलाया कि सभी लोग मिल कर भोपाल को हिंदुस्तान और दुनिया के सबसे अच्छे शहरो में से एक बनाएंगे। कार्यक्रम में गीतकार मनोज मुंतशिर ने कहा कि शिव के राज में भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होगा, तो कब होगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और महापौर मालती राय भी पहुंची हैं। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. समीक्षा शर्मा के कथक नृत्य से हुई। इसके बाद बाबा महाकाल की भस्मारती की नृत्य प्रस्तुति भी हुई। बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर श्रेया घोषाल भी शामिल होंगी। कॉमेडियन कृष्णा-सुदेश दर्शकों को खूब गुदगुदाएंगे। मंच से CM शिवराज सिंह चौहान स्वच्छता में विशेष काम करने वालों को सम्मानित भी करेंगे।

इससे पहले, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 8:15 बजे 1 जून को भोपाल विलीनीकरण और भोपाल गौरव दिवस के अवसर पर शासकीय अवकाश की घोषणा की। उन्होंने एक शोध संस्थान बनाने की बात भी कही, ताकि राजा भोज और रानी कमलापति आदि का इतिहास युवा पीढ़ी को बताया जा सके।

सीएम चौहान ने भोपाल गेट पर विलीनीकरण (भोपाल स्वतंत्रता दिवस) दिवस पर झंडा वंदन भी किया। वहीं, मशाल प्रज्जवलित कर शहीदों को पुष्पांजलि अर्जित की। साथ में भोपाल गेट पर ही स्वच्छता सैनिकों का सम्मान भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ था, लेकिन भोपाल स्वतंत्र नहीं हुआ था। यहां के नवाब ने भोपाल रियासत को भारत में विलीन करने से इनकार कर दिया था। तब विलीनीकरण आंदोलन चला था। लगातार पौने दो साल भोपाल रियासत में रहने वाले लोगों ने भोपाल को भारत में विलीन कराने के लिए आंदोलन किया। बोरास में हमारे लोग शहीद हुए। भोपाल भारत का हिस्सा बने, इसलिए खून की अंतिम बूंद तक दे दी।

पं. उद्धवदास मेहता, मास्टर लाल सिंह, बालकृष्ण गुप्ता, डॉ. शंकरदयाल शर्मा समेत कई महापुरुषों ने भोपाल विलीनीकरण की लड़ाई लड़ी। लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जब नवाब को आंखें दिखाई तो 1 जून 1949 को भोपाल भारत का अंग बना, इसलिए भोपाल ने तय किया कि भोपाल की आजादी का दिन ही गौरव दिवस होगा।

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