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MP पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली का विरोध: भोपाल में व्यापमं, इंदौर में कलेक्ट्रेट घेरा

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा समेत अन्य भर्ती में धांधली के खिलाफ भोपाल और इंदौर समेत पूरे प्रदेश में स्टूडेंट्स सड़क पर उतर आए हैं। इंदौर में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स ने दोपहर करीब 12.30 बजे कलेक्टर ऑफिस का घेराव कर दिया। भोपाल में भी कर्मचारी चयन मंडल के सामने बड़ी संख्या में पटवारी अभ्यर्थी जुटे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में जांच नहीं हुई, तो एक सप्ताह बाद भोपाल के जंबूरी मैदान पर आंदोलन करेंगे।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले में कहा कि सरकार जांच से क्यों कतरा रही है, जबकि राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा विद्यार्थियों से उनका हक और युवाओं से रोजगार की चोरी कर रही है।

इंदौर में 3 घंटे तक सड़क पर बैठे रहे प्रदर्शनकारी

इंदौर में प्रदर्शनकारी छात्र तीन घंटे तक सड़क पर ही बैठे रहे। घेराबंदी के चलते कलेक्टर ऑफिस इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। जाम लग गया। एसडीएम अंशुल खरे ज्ञापन लेने पहुंचे, लेकिन प्रदर्शनकारी कलेक्टर को बुलाने पर अड़ गए। आखिरकार कलेक्टर इलैया राजा टी को ज्ञापन दिया।

प्रदर्शनकारियों ने मांग की है यदि पटवारी भर्ती में फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच नहीं हुई तो अगली बार सीएम हाउस का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि कानून बनाकर पेपर लीक के दोषी को उम्रकैद की सजा कराई जाए।

इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर ऑफिस के गेट पर ‘रघुपति राघव राजा राम’ भजन गाया । बोले-कलेक्टर से मिलने के लिए इंतजार करेंगे। जब तक नहीं आएंगे कलेक्टर तब तक ये लड़ाई जारी रहेगी। यहीं बैठे रहेंगे। हम बैरिकेड के बाहर ही रहेंगे, किसी तरह का उपद्रव नहीं करेंगे, लेकिन कोई सुनने तो आए। हालांकि दोपहर तीन बजे कलेक्ट्रेट के सामने की सड़क पूरी तरह खाली हो गई। प्रदर्शनकारी आश्वासन के बाद चेतावनी देकर लौट गए हैं। ​​​​​​नेत़ृत्व कर रहे ​राधे जाट ने बताया कि ईमानदारों पर ही कार्रवाई होती है, इस सरकार में भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

कांग्रेस बोली- व्यापमं घोटाले की एक सीरीज और जुड़ गई

इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्‌ढा ने इस मामले में कहा कि भाजपा के शासन काल में मप्र के व्यापमं घोटाले में एक सीरीज और जुड़ गई। स्टूडेंट्स का कहना है कि यह ऑनलाइन घोटाला है जिसके आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं। लाखों बच्चों ने परीक्षा दी है और 1200 रु. से 1500 रु. प्रति परीक्षार्थी से फीस ली गई है। यह 500 से 600 करोड़ रु. का घोटाला है। भाजपा के विधायक अजब सिंह कुशवाह जिनके एनआरआई कॉलेज के 10 में से 7 ने टॉप किया है, उन्हें 100% नंबर आए हैं यह कैसे संभव है। ऐसा लगता है कि उन्हें जैसे पेपर ही दे दिया गया था। इसकी सीबीआई से जांच होना चाहिए।

छात्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में दावा किया है कि व्यापमं द्वारा पटवारी ग्रुप-2, सबग्रुप-4 एग्जाम की जो टॉप टेन लिस्ट बनाई है, उनमें से सात कैंडिडेट ग्वालियर के एक ही कॉलेज से हैं। इन टॉपर्स की आंसर-की देखने पर पता चला है कि इन्होंने अपने परीक्षा फॉर्म में साइन अंग्रेजी में किए थे, जबकि इन लोगों को अंग्रेजी विषय के पेपर में 25 में से 25 नंबर दिए गए हैं। इनमें से कुछ छात्र तो ऐसे हैं जिन्होंने पहली ही बार में एग्जाम में टॉप किया है।

 

प्रियंका गांधी बोलीं, सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मध्यप्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट में कहा, मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं। नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपए में बोली लगाए जाने की खबरें हैं। सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है? भर्ती घोटालों से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का नाम ही क्यों सामने आता है? नौकरी के लिए भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले हैं। भाजपा सरकार लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में क्यों डाल रही है?

राहल गांधी ने कहा- MP में भाजपा ने युवाओं से बस चोरी की 

भोपाल में 400 से ज्यादा अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

भोपाल में भी कर्मचारी चयन मंडल के सामने बड़ी संख्या में पटवारी अभ्यर्थी जमा हुए। पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 400 से ज्यादा अभ्यर्थी दफ्तर के गेट पर बैठ गए। मध्यप्रदेश बेरोजगार संघ के वाइस प्रेसिडेंट अजय पांडे ने कहा, 2017 के बाद से लगातार समस्याएं हो रही हैं। हमने शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्टर को आवेदन दिया है। सात दिन का समय दिया है। अगर इस मामले में जांच नहीं हुई, तो हम एक सप्ताह बाद जंबूरी मैदान पर आंदोलन करेंगे। हम भोपाल से दिल्ली तक जाएंगे।

प्रदर्शनकारी छात्र बोले- व्यापमं की आंसर-की स्टूडेंट्स को पहले मिल गई थी

इंदौर में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने बताया ऐसी महिला कैंडिडेट जिन्होंने पटवारी के पद पर जॉइनिंग दी है, जबकि उनके सर्वाधिक नंबर होने से वे पटवारी से भी ऊपर के पद के लिए पात्र हैं। परीक्षा में उत्तर देते समय इन्होंने सिर्फ वे ही ऑप्शन चुने जो व्यापमं द्वारा गलती से कुछ प्रश्नों के उत्तर में दे दिए थे। इससे ऐसा लगता है कि इन कैंडिडेट को व्यापमं द्वारा जारी आंसर शीट पहले ही मिल गई थी। इनके अलावा और भी कुछ बातें ऐसी हैं, जिनसे समय में आता है कि ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज में पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक किए गए हैं।

ये हैं प्रमुख मांगें…

पूरी परीक्षा की सीबीआई जांच हो
सभी दस टॉपर्स की पूरी वीडियो ग्राफी, जिसमें उनका रिस्पॉन्स टाइम पता चलता हो, जारी किया जाए।
सभी दस टॉपर्स का सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में मीडिया ट्रायल कराया जाए।
सभी जांच समय सीमा में दस दिन में पूरी की जाए।
जांच पूरी होने तक डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और पोस्टिंग की प्रक्रिया को लंबित रखा जाए।
आगामी सभी परीक्षाओं को ऑफलाइन मोड़ में कराया जाए।
दिव्यांग कोटे में पात्रता के लिए कई कैंडिडेट फर्जी प्रमाण-पत्र बनवा रहे हैं। उनकी जांच कर कार्रवाई की जाए।
पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाकर दोषियों को उम्र कैद की सजा दी जाए।

इंदौर में ये बोले स्टूडेंट्स

रुचि कटारे ने कहा कि पटवारी भर्ती में हुए फर्जीवाडा को लेकर हम आंदोलन कर रहे हैं। इसमें एक संस्था से 10 परीक्षार्थी टॉप पर निकले हैं। जो बच्चे पढ़ाई गंभीरता से पढ़ाई करके निकले हैं उनके मार्क्स बहुत कम आए हैं और जो नहीं पढ़े हैं उनके मार्क्स ज्यादा हैं। उनके सिग्नेचर भी मैच नहीं हो रहे हैं। यह भर्ती खारिज कर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए।

गोल्डी यादव ने बताया कि पटवारी के अलावा जेल प्रहरी, कृषि यांत्रिकी की भर्ती में भी काफी फर्जीवाड़ा हुआ है। उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उस सॉफ्टवेयर कंपनी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिसे अन्य राज्यों ने बैन करके रखा है। कंपनी ने ये पेपर दूसरे कंपनी को कैसे दे दिए। जो भी लोग इसमें लिप्त हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। कॉलेज राजसात करके वहां बुलडोजर चलाया जाए।

दमोह से आईं शांति यादव ने बताया मामला सिर्फ पटवारी भर्ती का नहीं है बल्कि पुलिस और संविदा वर्ग को लेकर भी है। पटवारी परीक्षा में किसी के नंबर 126 हैं, उसके 53 कैसे हो सकते हैं। तीन-चार नंबर कम ज्यादा हो सकते हैं लेकिन इतने नंबर कैसे हो सकते हैं। सरकार की यह प्रक्रिया समझ से परे है।

नर्मदापुरम : अभ्यर्थी बोले- एक ही सेंटर से इतने टॉपर आए, ये घोटाला है

नर्मदापुरम में कलेक्टोरेट गेट के सामने सैकड़ों अभ्यर्थियों ने नारेबाजी की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन गया। अभ्यर्थियों ने कहा पिछ्ले दिनों पटवारी भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी हुआ, लेकिन टॉप 10 को लिस्ट जारी नहीं की गई। बाद में जब अभ्यर्थियों और शिक्षकों के दबाव बनाने पर टॉप 10 को लिस्ट जारी की। जिसमें 10 में से 7 अभ्यर्थी एक ही सेंटर से चयनित हुए इनमें से टॉप करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट ने जहां अपने हस्ताक्षर हिंदी में किए हैं, वहीं उनके अंक देखे जाएं तो किसी रिकॉर्ड से कम नहीं।

पटवारी भर्ती परीक्षा में इस बार सिलेबस भी बदल गया था, इसलिए तैयारी करने वाले छात्रों के बहुत मेहनत करने के बावजूद 140-150 नंबर लाना मुश्किल हो गए, तो एक ही सेंटर से इतने टॉपर निकलना किसी बड़े घोटाले की ओर संकेत करते है।

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