कांग्रेस को एक और झटका, इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी नाम वापस लेकर भाजपा में शामिल: अब 14 कैंडिडेट चुनावी मैदान में; विजयवर्गीय का सूरत-2 ऑपरेशन फेल
इंदौर डेस्क :
इंदौर लोकसभा सीट से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने वाले अक्षय कांति बम ने सोमवार को पर्चा वापस ले लिया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ अक्षय फॉर्म वापस लेने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। नामांकन वापस लेने के बाद उन्होंने भाजपा भी जॉइन कर ली।
बम की नाम वापसी होते ही भाजपा ने ‘ऑपरेशन सूरत-2’ पर काम शुरू कर दिया। प्लान था कि गुजरात की सूरत लोकसभा सीट की तरह बचे हुए उम्मीदवारों के नामांकन वापस कराकर इंदौर में निर्विरोध जीत हासिल की जाए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में दोपहर 3 बजे तक माथापच्ची चलती रही लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 23 में से 9 ही उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए। अब इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा के शंकर लालवानी समेत 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।
विजयवर्गीय ने होटल में की पूरी प्लानिंग
मंत्री विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का भाजपा में स्वागत है।’
सूत्रों के अनुसार, मंत्री विजयवर्गीय ने हाईकमान को भरोसे में लेकर एक होटल में इसकी प्लानिंग की। अक्षय ने नाम वापसी पर अनहोनी की आशंका जताई। कहा- कांग्रेसी बवाल कर देंगे। इसके बाद प्लान में भाजपा विधायक रमेश मेंदोला की भी एंट्री कराई गई। अक्षय को फॉर्म वापस लेने भी मेंदोला के साथ भेजा, विजयवर्गीय खुद बाहर डटे रहे। फिलहाल, अक्षय कांति बम के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इस घटनाक्रम की वजह से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम में भी बदलाव हुआ है। झारखंड में चुनाव प्रचार के बाद मुख्यमंत्री भोपाल आने वाले थे। अब वे सीधे इंदौर पहुंचेंगे। वहां से भोपाल आएंगे।
पटवारी बोले- अक्षय को धमकाया गया
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, ‘अक्षय कांति बम पर तीन दिन पहले एक पुराने मामले में 307 की धारा बढ़वाई गई। डराया गया। धमकाया गया। रातभर यातना दी गई। अलग-अलग प्रकार की। आज उसको साथ ले जाकर फॉर्म वापस निकलवा लिया गया।’
ग्वालियर में रविवार को पटवारी ने कहा, ‘इंदौरवासियों, ये मैसेज है कि आपको वोट के अधिकार का इस्तेमाल नहीं करना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि आपको अगर लोकतंत्र में विश्वास है तो इस तानाशाही के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा।’ पीसीसी चीफ ने ये बात ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले करैरा कस्बे में कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक के समर्थन में ली जनसभा में कही।
कलेक्टर कार्यालय में भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्तओं के बीच झड़प
इंदौर लोकसभा सीट पर नाम वापसी को लेकर कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। कलेक्टर कार्यालय में मौजूद दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने आपस में धक्कामुक्की की। दरअसल, इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद भाजपा निर्विरोध निर्वाचन कराने की कोशिश में थी। इसे देखते हुए बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भी कलेक्ट्रेट स्थित जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे।
कांग्रेस नेताओं ने आशंका जताई कि अधिकारी भाजपा के दबाव में हैं। वे गड़बड़ी कर सकते हैं।
कांग्रेस को खजुराहो दोहराए जाने का डर था लेकिन सूरत के बारे में सोचा नहीं
कांग्रेस को खजुराहो सीट की तरह नामांकन निरस्त होने का डर इंदौर में भी था लेकिन उसने यह नहीं सोचा था कि सूरत की तरह नाम वापसी ही हो जाएगी। यही कारण है कि कांग्रेस ने मोती सिंह पटेल का डमी फॉर्म भरवाया। अक्षय कांति बम के अधिकृत प्रत्याशी बनने के बाद मोती सिंह का फॉर्म स्क्रूटनी में रिजेक्ट हो गया था।
कांग्रेस के पास खजुराहो की तरह समर्थन देने का ऑप्शन
कांग्रेस के पास खजुराहो सीट की तरह निर्दलीय या छोटे दल के प्रत्याशी का समर्थन का ऑप्शन है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सक्रिय हो गए हैं। बता दें कि खजुराहो लोकसभा सीट पर I.N.D.I. गठबंधन के उम्मीदवार का नामांकन रिजेक्ट हो गया था। तब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार आरबी प्रजापति को समर्थन दे दिया। अब वे ही भाजपा प्रत्याशी VD शर्मा के सामने I.N.D.I. गठबंधन का चेहरा हैं। कांग्रेस इंदौर में बचे हुए 13 उम्मीदवारों में ऐसा ही चेहरा तलाशने में जुट गई है।
विधानसभा चुनाव के बाद 5 बड़े नेताओं ने भाजपा जॉइन की
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस से जुड़े 5 नेताओं ने भाजपा जॉइन कर ली है। हाल ही में इंदौर-1 सीट से पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल भाजपा में आए हैं। शुक्ला को मंत्री विजयवर्गीय विधानसभा चुनाव में हरा चुके हैं। वहीं, विशाल पटेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से नाराज बताए जा रहे थे।
इससे पहले महू से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रामकिशोर शुक्ला, अंतर सिंह दरबार भी भाजपा में आ चुके हैं। शुक्ला पहले भाजपा में थे, वे महू से टिकट मांग रहे थे। नहीं मिला तो कांग्रेस में चले गए थे। अंतर सिंह दरबार कांग्रेस से टिकट चाह रहे थे, उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय उतरे थे।
शिक्षा जगत से जुड़े स्वप्निल कोठारी इंदौर-5 सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें प्रियंका गांधी से नजदीकी के बावजूद टिकट नहीं मिल सका था।
3 दिन पहले हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाई गई थी
अक्षय कांति बम पर 3 अलग-अलग केस चल रहे हैं। उनके खिलाफ 17 साल पुराना एक मामला फिर चर्चा में आया है, जिसमें उनके खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) बढ़ा दी गई थी।