भोपाल डेस्क :
शहर में डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है। हालात इसलिए चिंताजनक हैं बीते साल जनवरी से जुलाई अंत तक डेंगू मरीजों की संख्या 68 थी, जो इस जुलाई में 112 हो गई है। जिला मलेरिया कार्यालय की 50 टीमें शहर में डेंगू लार्वा सर्वे कर रही हैं। हालांकि संयुक्त टीमें अपने रुटीन काम भी कर रही हैं इसलिए पूरा फोकस नहीं हो रहा है।
नगर निगम के फॉगिंग प्रभारी पंकज यादव ने बताया कि शहर में फॉगिंग के लिए 10 गाड़ियाें को तैनात किया है। रोज फॉगिंग के लिए कॉल की संख्या 50 के पार पहुंच गई है। गौरतलब है कि अब तक शहर के करीब 2.30 लाख घरों में लार्वा सर्वे हो चुका है।
बीमारी से निपटने के इंतजाम पर्याप्त नहीं
बारिश से मुख्य मार्गों से लेकर कॉलोनियों के अंदर की सड़क किनारे जलभराव होने लगा है। इसी कारण शहर में मच्छरों की भरमार है। जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा भेजी जा रहीं लार्वा सर्वे टीम और नगर निगम के फॉगिंग वाहनों की संख्या पर्याप्त नहीं है। टीमें शहर में दिख ही नहीं रही हैं। अगर समय रहते जिम्मेदार नहीं चेते तो आने वाले दिनों में डेंगू और फैल सकता है।
चिंता नहीं होने का तर्क – जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे का कहना है कि पिछले साल जुलाई में 27 नए मरीज मिले थे। इस साल 17 मरीज मिले हैं। कुल मरीजों की संख्या इसलिए ज्यादा दिख रही है, क्योंकि जनवरी में ज्यादा मरीज आए थे।
ये इलाके ज्यादा प्रभावित-साकेत नगर, शक्ति नगर, बरखेड़ा पठानी, पिपलिया पेंदे खां, बागसेवनियां, ईंटखेड़ी, मिसरोद, कोलार, ई-7 अरेरा कॉलोनी, नेहरू नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, गांधी नगर, शिव नगर, करोंद, कैंची छोला, सुभाष नगर, अयोध्या बायपास, अवधपुरी।
“जिला मलेरिया, टीबी, टीकाकरण, कुष्ठ रोग अमले समेत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी लार्वा सर्वे और डेंगू मरीज की जानकारी जुटाने में लगे हैं। डेंगू फैलने से रोकने के लिए अमला जुटा है।”
-डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ