ग्वालियर डेस्क :
एमपी पीएससी-2020 का रिजल्ट शुक्रवार की रात को घोषित कर दिया गया। इसमें शहर के युवाओं ने जगह बनाई है। यह युवा नियमित अध्ययन से यह मुकाम हासिल कर पाए हैं। इन युवाओं ने जीवन की कुछ घटनाओं से प्रेरणा ली, स्कूल और कॉलेज स्तर से ही प्रशासनिक सेवा को लक्ष्य बनाया और नियमित अध्ययन तथा मेहनत से इस लक्ष्य को साध भी लिया।
स्कूल में प्रशासनिक अफसरों को देख मिली प्रेरणा
12वां स्थान पाने वाली ग्वालियर की सोनाली राजपूत को सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। वे बताती हैं कि स्कूल में आने वाले प्रशासनिक अफसरों को देखकर उन्हें राज्य सेवा में जाने की प्रेरणा मिली। 2019 में भी इंटरव्यू कॉल आ गया था, उसके बाद परीक्षा दोबारा हुई। 2020 में परीक्षा की तैयारी के दौरान मां ऊषा और पिता फूल सिंह अस्पताल में भर्ती हो गए थे। इस वजह से काफी तनाव रहा। सोनाली आर्यांश कॉलेज की छात्रा रही हैं। उन्होंने आनंद जादौन के मार्गदर्शन में प्री, मैंस, इंटरव्यू की तैयारी की। सोनाली 12 वीं रैंक के साथ डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयनित हुई हैं।
पिता किसान, बेटे ने प्रशासनिक सेवा को ध्येय बनाया
गोरमी में रहने वाले अभिषेक मिश्रा की एमपीपीएससी-2020 में 5 वीं रैंक आई है। पिता श्रीनारायण मिश्रा किसान हैं, मां मुन्नीदेवी गृहिणी हैं। अभिषेक कहते हैं कि राज्य प्रशासनिक सेवा उनका ध्येय था। एनआईटी भोपाल से 2016 में बीटेक किया। इसके उन्होंने 15 लाख रुपए के पैकेज के साथ प्राइवेट कंपनी में नौकरी शुरू की। इसके साथ तैयारी करते रहे, पहली परीक्षा 2019 में दी थी, इसमें इंटरव्यू कॉल आया है। 2020 में दूसरा प्रयास है, इसमें सफलता मिल गई।
2018 में बीटेक करने के बाद तैयारी शुरू की
सिटी सेंटर निवासी ऋषभ छारी को पहले ही प्रयास में सफलता मिली है। इन्होंने 2018 में बीटेक करने के बाद 2019 से तैयारी शुरू कर दी थी। ऋषभ कहते हैं, 2019 की प्री और मेन्स परीक्षा में वह सफल रहे, अभी इंटरव्यू का इंतजार कर रहे हैं। 2020 में हुई परीक्षा का रिजल्ट आया तो उसमें वह डीएसपी के लिए सिलेक्ट हुए हैं। उनकी ओवरऑल रैंक 36 है। ऋषभ के पिता वीरेंद्र मप्र सड़क विकास प्राधिकरण में सहायक प्रबंधक हैं।