इंदौर

इंदौर बेलेश्वर मंदिर हादसा: जांच टीम ने पूछा- पुलिस मौजूद थी फिर भी रेस्क्यू में भीड़ कैसे घुस गई?

इंदौर डेस्क :

पटेल नगर में हुए बेलेश्वर मंदिर बावड़ी हादसे की जांच के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) की टीम इंदौर पहुंची। टीम में आए एनडीएमए के अफसर और ज्वाइंट सेक्रेटरी केपी सिंह और अभिषेक शर्मा ने अफसरों से पूरा घटनाक्रम सिलसिलेवार जाना और कई बिंदुओं पर सवाल-जवाब किए। जांच दल ये जानकर हैरत में पड़ गया कि प्रदेश में ऐसी इमरजेंसी के लिए अभी तक भी कोई रिस्पॉन्स सिस्टम शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने इसे तुरंत लागू करने और इसके लिए जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार से फंड देने की बात कही।

चौंकाने वाली बात ये है भी कि दिल्ली से आई टीम ने मामले से जुड़े हर अफसर से पूछताछ की, लेकिन मौका मुआयना नहीं किया। उसके पीछे कारण बताया कि अब घटनास्थल पर न बावड़ी है न मंदिर। जांच टीम ने रेसीडेंसी पर पुलिस, प्रशासन, नगर निगम, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ के अफसरों से अलग-अलग और फिर एक साथ बात की। इंदौर आने से पहले भोपाल में टीम एसीएस डॉ. राजेश राजोरा से भी मिलकर आई। यहां एडीएम डॉ. अभय बेड़ेकर के साथ कुछ और बिंदुओं पर टीम अलग से बैठी।

  • 30 मार्च को हुआ था बावड़ी हादसा
  • 36 लोगों की मौत हुई थी
  • 25 से ज्यादा घायल हुए थे
  • 01 सप्ताह में आ सकती है मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट

कई सवाल दागे, पूछा- रेस्क्यू में क्या चूक हुई कि इतनी जानें चली गईं, भीड़ जुटने की भी जानकारी पहले नहीं मिली

  • घटनाक्रम कैसे हुआ?
  • इतनी भीड़ क्या वहां पूर्व के सालों में रामनवमी पर हुए आयोजनों में भी आती रही है?
  • अगर हां, तो फिर इस बार भी एहतियात क्यों नहीं बरती?
  • क्या किसी को जानकारी नहीं थी कि जहां इतनी भीड़ हो रही, वहां नीचे बावड़ी है?
  • रेस्क्यू में क्या चूक हुई, जो इतने लोगों की जान चली गई?
  • घटना के बाद पुलिस का काम बाहर सुरक्षा करना भी था, फिर रेस्क्यू के दौरान अनपेक्षित लोग अंदर कैसे आ गए। क्या इसी वजह से सुरक्षा और बचाव कारण सही तरह से नहीं हो पाया। (अफसरों ने इन सवालों के जवाब में सारे वीडियो, महू से सेना की मदद लेने और मजिस्ट्रियल जांच करने जैसे जवाब दोहराए)

बोले- बालासोर ट्रेन हादसे में प्रबंधन सीख सकते हैं

  • बालासोर ट्रेन हादसा बहुत बड़ा था, लेकिन सभी विभागों के साथ बेहतर समन्वय, उचित समय पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना सहित सक्षम एजेंसियों के रेस्क्यू में जुटने से स्थिति को ठीक कर दिया।
  • लुधियाना की हाइड्रोजन सल्फाइड रिसाव जैसी घटना में भी संबंधित एजेंसियों ने तालमेल से अच्छा काम किया।
  • लिहाजा, ऐसी घटनाओं में प्रारंभिक तौर पर ही जान-माल के नुकसान का अनुमान लगने के बाद बुनियादी ढांचे, जरूरी उपकरणों की उपलब्धता, सभी विभाग, एजेंसियां फ्रंट पर लगाना चाहिए।

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