इंदौर

जिला अस्पताल में ऑक्सीजन और फायर सेफ्टी लगाना ही भूले जिम्मेदार: टेंडर की शर्त से ही गायब थे बिंदु

पांच साल में देखा तक नहीं

इंदौर डेस्क :

निर्माणाधीन जिला अस्पताल में एक और बड़ी खामी सामने आई है। पांच साल से बन रही बिल्डिंग में न तो ऑक्सीजन लाइन डाली जा रही है, न फायर सेफ्टी सिस्टम व एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का प्लान है। टेंडर में इनका प्रावधान ही नहीं है।

मॉड्यूलर ओटी (ऑपरेशन थिएटर) में ऑक्सीजन सहित अन्य गैस पाइप लाइन बिल्डिंग बनने के पहले ही डालना पड़ती है। सामान्य ओटी में भी बिल्डिंग बनने के साथ ही इसे डाला जाना चाहिए।

भास्कर ने जिम्मेदारों से जब पूछा कि आखिर ये काम किस एजेंसी के जरिये होगा तो उन्हें इसकी भी जानकारी नहीं है। हाउसिंग बोर्ड के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर यशवंत दोहरे ने कहा कि मेरा तबादला हो गया है। इस बारे में स्थानीय अधिकारी ही कुछ बता पाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग खुद अनजान

सिविल सर्जन को पता ही नहीं

सिविल सर्जन डॉ. जीएल सोढी से जब टेंडर डॉक्यूमेंट में फायर सेफ्टी का प्रावधान नहीं होने की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्व के टेंडर डॉक्यूमेंट की जानकारी नहीं है। पहले डॉ. प्रदीप गोयल और डॉ. संतोष वर्मा के पास प्रभार था।

डिप्टी कमिश्नर बोले- बाद में कैसे लगाएंगे

हाउसिंग बोर्ड के नए डिप्टी कमिश्नर महेंद्र सिंह ने हाल ही में ठेकेदार व स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली। इसमें पता लगा कि फायर फाइटिंग सिस्टम का कोई प्रावधान नहीं है तो वे नाराज भी हुए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बिल्डिंग बन जाएगी तो बाद में पूरा सिस्टम कैसे लगाएंगे। इसे पहले ही लगवाएं। हालांकि ऑक्सीजन लाइन डालने को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।

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