उज्जैनमध्यप्रदेश

उज्जैन में महाकाल का नागचंद्रेश्वर के रूप में श्रृंगार: सावन के 7वें सोमवार और नागपंचमी का संयोग

40 मिनट में दर्शन का दावा; शाम 4 बजे सवारी

उज्जैन डेस्क :

सावन महीने का सातवां सोमवार है। नागपंचमी और सोमवार का संयोग बना है। उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए रात 12 बजे से श्रद्धालु लाइन में लगना शुरू हो गए थे। रात 2.30 बजे भस्म आरती के लिए मंदिर के पट खोले गए। भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर भस्म रमाई गई।

पट खुलने के बाद महाकाल को पंडे -पुजारियों ने नियमानुसार जल चढ़ाकर दूध, घी, शहद, शक्कर व दही से पंचामृत अभिषेक किया। इसके बाद बाबा का भांग, सूखे मेवों से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई गई। 1 घंटे चली भस्म आरती में बाबा का भांग, चंदन, फल, वस्त्र आभूषण से नागचंद्रेश्वर के रूप में विशेष श्रृंगार किया गया।

पंडित महेश पुजारी ने बताया कि सावन महीने में महाकालेश्वर मंदिर में पांच आरती होती है। सबसे खास भस्म आरती होती है। रोजाना पंचामृत किया जाता है। इन दिनों महाकाल को बेलपत्र और जल चढ़ाने का अलग महत्व है। कुछ भक्त एक से लेकर एक लाख तक बेल पत्र चढ़ाते हैं।

श्रावण माह का 7वां सोमवार और नागपंचमी पर आज उज्जैन कलेक्टर ने नगर निगम सीमा में आने वाले सभी प्री-प्राइमरी से 12वीं तक के सरकारी और प्राइवेट स्कूल में अवकाश घोषित किया है।

40 मिनट में दर्शन का दावा

महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि भक्तों को 40 मिनट में बाबा के दर्शन मिल सकेंगे। तीन एंट्री पॉइंट हैं। श्रद्धालुओं को जिगजैग के जरिए कार्तिकेय और गणेश मंडपम से दर्शन कराए जा रहे हैं। दूसरे शहरों से आने वाले भक्तों के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं। एरिये को सीसीटीवी से कवर किया गया है। इसके दो कंट्रोल रूम हैं। बड़ी एलईडी लगाई गई है। सात हेल्प डेस्क और महाकाल मंदिर और त्रिवेणी पर आकस्मिक चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए हैं। नागपंचमी होने के कारण इस बार व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है।

इस सोमवार की दर्शन व्यवस्था

सामान्य दर्शनार्थी: त्रिवेणी गेट महाकाल लोक से एंट्री मिलेगी।

  • त्रिवेणी के पास से महाकाल लोक होते हुए मानसरोवर के जिगजैग से टनल से गणेश और कर्तिकेय मंडपम से दर्शन मिल सकेंगे।
  • बेगमबाग होते हुए महाकाल लोक और फिर मानसरोवर के जिगजैग टनल से होते हुए गणेश मंडपम और कर्तिकेय मंडपम से दर्शन मिल सकेंगे।
  • गर्भगृह में प्रवेश: 4 जुलाई से 11 सितंबर तक गर्भगृह में सभी श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है। इस दौरान केवल पंडे-पुजारी और संत ही पूजन कर सकेंगे।
  • कावड़ यात्रियों का प्रवेश: मंगलवार से शुक्रवार तक जलाभिषेक कर सकेंगे। अन्य दिनों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
  • वीआईपी: वीआईपी को गेट नंबर एक महाकाल प्रशासनिक कार्यालय के सामने या निर्माल्य गेट से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
  • वीवीआईपी: अतिविशिष्ट लोगों को निर्माल्य गेट से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
  • नियमित: गेट नंबर चार से विश्रामधाम से सभामंडप होकर बैरिकेड्स से दर्शन करवाए जाएंगे।

वाहनाें के लिए पार्किंग

  • इंदौर-देवास से आने वाले: कार्तिक मेला मैदान, नृसिंह घाट के सामने।
  • आगर-मक्सी से आने वाले: छत्री चौक मल्टीलेवल पार्किंग।
  • बड़नगर-उन्हेल से आने वाले: कर्कराज मंदिर के साथ भील समाज की धर्मशाला।
  • जूता स्टैंड: चारधाम, महाकाल प्रशासनिक भवन के सामने।
  • मोबाइल लॉकर: सभी जूता स्टैंड के पास।

लड्‌डू प्रसाद: बड़ा गणेश मंदिर के पास, हरसिद्धि, चारधाम मंदिर, महाकाल प्रशासनिक कार्यालय के पास।

लाइव दर्शन की व्यवस्था

मंदिर प्रबंध समिति द्वारा समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in एवं फेसबुक पेज पर भगवान की आरती और दिन भर दर्शन के साथ साथ सवारी का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जाएगा। जिससे उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बाबा श्री महाकाल के दर्शन व सवारी के सीधे प्रसारण का लाभ घर पर ही प्राप्त कर सकेंगे।

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