अनुशासन और एकता का अद्भुत प्रदर्शन: आरएसएस के 100 वर्ष पूर्ण होने पर आनंदपुर में भव्य पथ संचलन

आनंदपुर डेस्क :
|राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने एवं विजयादशमी पर्व के उपलक्ष में रविवार को आनंदपुर में संघ का भव्य पथ संचलन निकाला गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर आनंदपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए लगभग 200 से अधिक स्वयंसेवकों ने अनुशासन, एकता और देशभक्ति का परिचय दिया। स्वयंसेवक पारंपरिक वेशभूषा में, हाथों में दंड लेकर संघ की थाप पर कदमताल करते हुए आगे बढ़े, जिनका नगरवासियों ने जगह-जगह फूल वर्षा कर स्वागत किया।

कार्यक्रम की शुरुआत संघ के विभाग प्रचारक प्रमुख शरद श्रीवास्तव के बौद्धिक से हुई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 27 सितंबर 1925 को नागपुर में मात्र 17 स्वयंसेवकों के साथ संघ की स्थापना हुई थी और एक वर्ष बाद इसका नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रखा गया। उन्होंने कहा कि “संघ ने अपने सौ वर्ष के इस सफर में अनेक चुनौतियों और विपरीत परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन कभी भी अपने सिद्धांतों और नीतियों से समझौता नहीं किया। संघ ने देश और समाज में अनुशासन, राष्ट्रभक्ति और संगठन की भावना को मजबूत किया है।”

श्रीवास्तव ने आगे कहा कि “आज हम स्वयंसेवक अपने जीवन में राम की मर्यादा और कृष्ण की नीति, दोनों को आत्मसात करते हैं। भगवान श्रीराम ने शबरी और केवट जैसे साधारण जनों को सम्मान दिया, वहीं श्रीकृष्ण ने अधर्म के विनाश के लिए कर्ण का वध कराया। इसी तरह हमें भी समाज में बढ़ते कट्टरपंथ और विभाजनकारी विचारधाराओं से मुकाबला करते हुए हर घर में संघ का एक स्वयंसेवक तैयार करना है।”

बौद्धिक सत्र के बाद स्वयंसेवकों ने संघ की प्रार्थना की और फिर पथ संचलन का शुभारंभ पीएम श्री विद्यालय परिसर से किया गया। यह संचलन मुख्य बाजार से होते हुए आनंदपुर के प्रमुख मार्गों से निकला। संचलन के दौरान नगर के नागरिकों ने फूल-मालाओं से स्वागत कर देशभक्ति के नारे लगाए। पूरे नगर में अनुशासन, एकता और राष्ट्रगौरव का माहौल देखने को मिला।

इस अवसर पर देवेंद्र गुप्ता (खंड संचालक), संजय चौरसिया (खंड सह संघ चालक), हरिनारायण अहिरवार (जिला कार्यवाह), आशीष शर्मा भाजपा मंडल अध्यक्ष सहित अनेक स्वयंसेवक और नगरवासी उपस्थित रहे।

विजयादशमी के उपलक्ष्य में आयोजित यह पथ संचलन न केवल संघ के सौ वर्ष पूर्ण होने का प्रतीक बना बल्कि आनंदपुर के नागरिकों के लिए यह एक ऐसा क्षण रहा, जब पूरे नगर ने अनुशासन, देशभक्ति और संगठन की शक्ति को एक साथ महसूस किया।




