मध्यप्रदेश

जहरीली हवा का नया हॉटस्पॉट बना टीटी नगर, यहां एक्यूआई 235; डॉक्टरों की सलाह- खुले में व्यायाम और दौड़ने से बचें, मास्क पहनकर बाहर निकलें

भोपाल डेस्क :

शहर का टीटी नगर इलाका जहरीली हवा का हॉटस्पॉट बन गया है। गुरुवार को यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 235 दर्ज किया गया। यह खराब श्रेणी में आता है। सबसे खतरनाक स्थिति ओजोन गैस की है। इसकी औसत मात्रा 173.66 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मापी गई। यह सीधे फेफड़ों पर असर डालती है। यहां पीएम 10 की मात्रा 114.24, पीएम2.5 की मात्रा 30.90 रही। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डेटा के मुताबिक टीटी नगर में ओजोन का स्तर 214 दर्ज किया गया।

डॉक्टरों के मुताबिक हवा में इतनी अधिक मात्रा में ओजोन होने से यह बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा या दिल के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक हो जाती है। भोपाल कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदूषण बढ़ा है। हालांकि, यहां लगे सेंसर बंद हैं। इससे अब वहां प्रदूषण की सही माप भी नहीं हो पा रही। अरेरा कॉलोनी स्थित पर्यावरण परिसर, जिसे ग्रीन जोन कहा जाता है, वहां भी हवा सुरक्षित नहीं रही। यहां भी हवा की स्थिति खराब श्रेणी में रही। यहां ओजोन का स्तर 73 से ऊपर पहुंच गया।

जीएमसी के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्रा ने बताया कि इस तरह के प्रदूषण में लोग खुले में व्यायाम या दौड़ने से बचें। मास्क पहनकर बाहर निकलें। घरों में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर कदम उठाने होंगे। पराली जलाना तुरंत रोका जाना चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का भी कहना है कि पराली और आग लगने की घटनाओं के हवा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

शहर से सटे इलाकों में जल रही पराली

विशेषज्ञों का कहना है कि इन दिनों पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे हवा में पीएम10, नाइट्रोजन ऑक्साइड, अमोनिया, कार्बन मोनोऑक्साइड और ओजोन जैसी गैसें कई गुना बढ़ जाती हैं। टीटी नगर में ओजोन का बढ़ा स्तर इसका साफ संकेत है, कि रातीबड़, नीलबड़ सहित आसपास के इलाकों में जमकर पराली जलाई जा रही है। पर्यावरण परिसर में कोलार की तरफ जल रही पराली का असर दिखाई दे रहा है

एंटी स्मॉग गन, स्प्रिंकलर जैसे उपाय करेंगे

पराली न जलाने के लिए हम लगातार राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। कृषि विभाग को लोगों को जागरूक करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगम के साथ मिलकर वॉटर स्प्रिंकलिंग, रोड साइड ग्रीन कवर बढ़ाने और एंटी-स्मॉग गन के उपयोग जैसे उपायों पर काम चल रहा है। -बृजेश शर्मा, रीजनल डायरेक्टर, एमपीपीसीबी

पराली पर कार्रवाई नहीं… बुधवार को पराली पर जिले में 42 लोगों पर कार्रवाई हुई थी। लेकिन, गुरुवार को टीमें निकली ही नहीं। पंचायत दिवस का हवाला दिया।

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