आंवला नवमी पर मंदिरों की ध्वजा लेकर उदयगिरी की परिक्रमा की: 133 सालों से चली आ रही हैं परंपरा
विदिशा डेस्क :
विदिशा में आज (मंगलवार को) आंवला नवमी का पर्व बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सालों पुरानी परंपरा का निर्वाहन किया गया। शहर के 72 मंदिरों के ध्वजा लेकर उदयगिरी की परिक्रमा की।
आंवला नवमी पर विदिशा में उदयगिरी परिक्रमा की परम्परा पूरे उल्लास के साथ पूरी की गई। लोगों ने आंवला वृक्षों की पूजा की। पिछले 133 सालों से उदयगिरी परिक्रमा की परंपरा चली आ रही है। शहर में स्थित मंदिरों के ध्वजा लेकर श्रद्धालु उदयगिरी की परिक्रमा करते हैं जिसके बाद परिक्रमा का समापन रामलीला परिसर में ध्वजों की आरती के बाद होता है। उदयगिरी में एक मेले का आयोजन होता है, जिसमें आसपास इलाके के लोग शामिल होते हैं।
इस परिक्रमा में शहर के मंदिरों के रंग बिरंगे ध्वज लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। श्रद्धालु हाथ में ध्वज लिए भजन करते हुए उदयगिरी की परिक्रमा करते हैं। इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले मंदिरों में भगवान की पूजन की जाती है।
परिक्रमा में शामिल लोगों ने बताया कि श्री रामलीला मेला के प्रधान संचालक रहे स्वर्गीय पंडित विश्वनाथ शास्त्री द्वारा वृंदावन की तर्ज पर सन 1890 में यह परिक्रमा शुरू कराई थी। इसका उद्देश्य पुराने धार्मिक स्थलों का रखरखाव वेत्रवती और प्रकृति संरक्षण था। यह परिक्रमा आज भी बड़े हर्ष उल्लास के साथ निकाली जाती है।