मध्यप्रदेश में मानसून की होगी धमाकेदार एंट्री:19 से 3 दिन ग्वालियर, बुंदेलखंड में भारी बारिश, पांच राज्यों में बारिश का दौर

भोपाल डेस्क :
गुजरात में कहर मचा चुका तूफान बिपरजॉय शुक्रवार रात राजस्थान पहुंच गया। रफ्तार घटकर 50 से 60 किमी प्रति घंटा रह गई। इसके बावजूद राजस्थान के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई है। वहां असर रविवार तक रहेगा। दूसरी ओर, तीन-चार दिन से रत्नागिरी, कोप्पल, श्रीहरिकोटा तरफ अटके मानसून को तूफान का साथ मिलने जा रहा है। इससे मप्र में मानसून की धमाकेदार एंट्री की संभावना है।
गुजरात, राजस्थान के साथ ही अब एमपी, यूपी व दिल्ली में बारिश का दौर शुरू होगा। मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश के मुताबिक यही प्री-मानसून बारिश मानसून को करंट देकर चार्ज करेगी। 23 जून के आसपास मानसून की बंगाल की खाड़ी ब्रांच सक्रिय होगी। इसी के साथ मानसून पूर्वी मप्र में विदर्भ-छत्तीसगढ़ से सटे इलाकों के रास्ते मप्र में एंट्री ले सकता है। शेष | पेज 12 पर
मानसून अपडेट: चार दिन से बंगाल और बिहार में अटके बादल
- पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है, लेकिन सोमवार से पहले मानसून के पूर्वी भारत या दक्षिणी प्रायद्वीप इलाके में भी आगे बढ़ने की संभावनाएं कम हैं।
- मानसून 11-12 जून को महाराष्ट्र के रत्नागिरी, कर्नाटक के कोप्पल, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा, पश्चिम बंगाल के मालदा और बिहार के फारबिसगंज पहुंच चुका था। अगले 2-3 दिन वहीं अटके रहने की आशंका है।
मध्य प्रदेश : तूफान के कारण प्री-मानसून बारिश भी तेज होगी
तूफान (लो प्रेशर एरिया) का असर 19, 20, 21 जून को उत्तर प्रदेश से सटे मप्र के ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड इलाकों में होगा। यहां इन तीन दिनों में भारी बारिश का अलर्ट है। इसके बाद यही लो प्रेशर एरिया अगले (21 जून के बाद) दो-तीन दिनों में भोपाल समेत मप्र के अन्य जिलों में भी बारिश करा सकता है।
23 लोग घायल, मौत एक भी नहीं
- सौराष्ट्र में बिजली के 5,120 खंभे क्षतिग्रस्त। 4,600 गांवों में बिजली गुल। 3,500 में बहाल।
- 600 पेड़ उखड़े। 3 राज्यमार्ग क्षतिग्रस्त होने या पेड़ गिरने से बंद।
- कम से कम 23 लोग घायल हुए, लेकिन मौत एक भी नहीं हुई।
- देवभूमि द्वारका में द्वारकाधीश के जगत मंदिर पर 3 दिन विराम के बाद शुक्रवार को ध्वजारोहण हुआ
- दिल्ली-फरीदाबाद में बारिश।