भोपाल

मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व वीरांगना दुर्गावती के नाम पर होगा: एनटीसीए की मंजूरी, बनेगा प्रदेश का 7वां टाइगर रिजर्व,

भोपाल डेस्क :

मप्र में सातवां और देश का 54वां टाइगर रिजर्व वीरांगना दुर्गावती के नाम पर होगा। दमोह-सागर जिलों के बीच यह 2339 वर्ग किमी में बनेगा, जो आकार में प्रदेश में सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होगा। इसमें 1414 वर्ग किमी का कोर क्षेत्र और 925.12 वर्ग किमी का बफर क्षेत्र होगा।

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की मंजूरी के बाद नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने भी मप्र में नौरादेही और वीरांगना दुर्गावती सेंचुरी को मिलाकर सातवें टाइगर रिजर्व के गठन को अपनी सहमति दे दी है। अब मप्र वन विभाग ने राज्य सरकार को टाइगर रिजर्व के नोटिफिकेशन का प्रस्ताव भेज दिया है। अगले महीने 29 जुलाई को वर्ल्ड टाइगर डे से पहले यह अस्तित्व में आ जाएगा। इसका नोटिफिकेशन कभी भी हो सकता है।

केन-बेतवा रिवर लिंक से पन्ना के नुकसान की भरपाई करेगा वीडीटीआर

वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व (वीडीटीआर) कुल क्षेत्रफल में बड़ा होने के साथ ही कोर एरिया के मामले में भी प्रदेश में सबसे बड़ा होगा। अभी क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व सतपुड़ा है, इसके बाद कान्हा का नंबर आता है। वीडीटीआर केन-बेतवा रिवर लिंक प्रोजेक्ट से पन्ना टाइगर रिजर्व को होने वाले नुकसान की भरपाई करेगा। मप्र और उप्र की इस साझा परियोजना को मंजूरी के लिए केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दोनों राज्यों में एक-एक नया टाइगर रिजर्व बनाने की शर्त रखी है। चित्रकूट जिले में रानीपुर सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाकर यूपी इस शर्त को पिछले साल ही पूरी कर चुका है।

देश में सर्वाधिक टाइगर रिजर्व मप्र में

वर्तमान में देश में कुल 53 टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें सर्वाधिक 6 मप्र में हैं। टाइगर की आबादी के मामले में भी मप्र देश में पहले पायदान पर है। भारत में कुल 3167 टाइगर होने का अनुमान है, जिसमें से करीब 700 मप्र में हो सकते हैं।

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