मध्यप्रदेश

मप्र माशिमं. फीस से सालाना कमाई 300 करोड़, फिर भी लेट फीस ‌‌ 2000 बढ़ाई

भोपाल डेस्क :

मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाई स्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षाओं से सलाना कमाई लगभग 300 करोड़ रुपए होने के बावजूद विभिन्न मदों की फीस बढ़ा दी गई है। इसका असर परीक्षा में शामिल होने वाले कई छात्रों पर पड़ेगा।

स्थिति यह है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए कक्षा नौवीं के ऑनलाइन नामांकन की लेट फीस भी 30 नवंबर के बाद 12 हजार रुपए तक कर दी गई है, जबकि इसकी नियमित फीस 1200 रुपए है। पिछले साल के मुकाबले लेट फीस में सीधे तौर पर 2000 रुपए बढ़ा दिए गए हैं। यह पिछले साल 10 हजार रुपए थी। इसी तरह मंडल ने डुप्लीकेट मार्कशीट की फीस 400 से 600 रुपए का दी है। माइग्रेशन फीस भी 300 से 500 तक कर दी गई है।

प्राइवेट छात्रों के लिए सबसे महंगा
16 से 31 अक्टूबर तक 2000 रुपए लेट फीस के साथ स्वाध्यायी छात्रों के परीक्षा फाॅर्म जमा होंगे। इस पर नियमित फीस 1200 रुपए लगेगी। 31 अक्टूबर के बाद 15 नवंबर तक लेट फीस 5 हजार रुपए लगेगी। 16 से 30 नवंबर तक लेट फीस 10 हजार रुपए लगेगी। 1 दिसंबर से परीक्षा शुरू होने की तारीख से दस दिन पहले तक विलंब शुल्क 12 हजार रुपए रहेगा।

हर तरह के खर्च बढ़ गए हैं, बढ़ोतरी जरूरी थी
मंडल को छात्रों से मिलने वाली फीस से ही सभी खर्चे वहन करने होते हैं। अन्य कहीं से किसी तरह की फंडिंग नहीं होती। अब सभी तरह के खर्च बढ़ गए हैं। मानदेय, वाहन, बिजली, मैनपावर और परीक्षा से जुड़ी सभी प्रक्रिया खर्चीली होती है। वैसे भी मंडल की फीस सीबीएसई व अन्य बोर्ड से अपेक्षाकृत कम है। जरूरी था इसलिए ही फीस बढ़ाई गई है। – गोपाल प्रसाद सिंह, संचालक (वित्त), माशिमं

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