भोपाल

अखिरकार 27 साल बाद मध्यप्रदेश में भी आदेश लागू

भोपाल डेस्क :

आखिरकार मप्र सरकार ने भी जुड़वां बच्चों को सिंगल चाइल्ड मान ही लिया। लेकिन, इसमें पूरे 27 साल लग गए। यह अजीब विडंबना है कि जुड़वां बच्चों को देश की तमाम अदालतें सिंगल चाइल्ड मान चुकी हैं। केंद्र सरकार भी इसी आदेश को लागू कर चुकी है। देश के 10 से ज्यादा राज्य जुड़वां बच्चों को सिंगल चाइल्ड ही मानते हैं। लेकिन मप्र सरकार इन्हें सिंगल चाइल्ड नहीं मान रही थी।

मप्र सरकार ने बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए 1980 के दशक में ‘हम दो हमारे दो’ का नारा लागू किया और लोगों को इसके लिए जागरूक किया। इसका पालन करने वालों को अतिरिक्त सुविधाओं का लाभ दिया गया। 1996-97 में इसे सिंगल चाइल्ड कर दिया गया। तब एक बच्चा होने के बाद नसबंदी कराने वालों को दो इन्क्रीमेंट का फायदा दिया जाने लगा था। लेकिन पहली डिलीवरी में जुड़वां बच्चे हुए तो सिंगल चाइल्ड मानते हुए लाभ नहीं मिलता था।

यह मामला अदालतों तक पहुंचा। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने जुड़वां बच्चे को सिंगल चाइल्ड मान लिया गया, लेकिन राज्य सरकार ने इसे मानने में 27 साल लगा दिए। सामान्य प्रशासन विभाग ने अब इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अफसरों और कर्मचारियों को जुड़वां संतान पैदा होने के बाद नसबंदी कराने पर दो अग्रिम वेतनवृद्धि की सुविधा दी जा सकेगी। इससे अब 11 जुलाई 2019 के पहले के मामलों में भी कर्मचारियों को वेतनवृद्धि मिल सकेगी। अभी यह 9 फरवरी 2017 से 11 जुलाई 2019 के बीच के मामलों में पहली डिलीवरी पर जुड़वां बच्चे पैदा होने पर नसबंदी कराने वालों को यह लाभ नहीं मिल पा रहा था।

नसबंदी कराना जरूरी

सामान्य प्रशासन विभाग ने चार साल पहले 11 जुलाई 2019 को एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि अब पहली डिलीवरी में जुड़वां बच्चे पैदा होने के बाद शासकीय सेवक के स्वयं या पति अथवा पत्नी के नसबंदी कराने पर उसे दो अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। यह लाभ आदेश जारी होने की तारीख से पहले के इस तरह के मामलों में भी दिया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!