नई दिल्ली

दिल्ली मेयर चुनाव AAP और BJP के बीच मुकाबला: 241 पार्षदों ने वोट डाला, कांग्रेस के 9 पार्षदों ने चुनाव का बॉयकॉट किया

नई दिल्ली डेस्क :

दिल्ली को बुधवार को नया मेयर मिलेगा। तीन बार चुनाव टलने के बाद सिविक सेंटर में आज सुबह 11.20 बजे मतदान शुरू हुआ। रेस में AAP की शैली ओबेरॉय और BJP की रेखा गुप्ता के बीच मुकाबला है। तीसरी कैंडिडेट AAP की आशु ठाकुर भी हैं। उधर, कांग्रेस ने मेयर चुनाव में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

आज भी सुबह 11 बजे सिविक सेंटर में हंगामे जैसे हालात दिखे। AAP पार्षदों की पुलिस से झड़प भी हुई। आप पार्षद सदन में बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता की एंट्री का विरोध कर रहे थे। हंगामे की आशंका को देखते हुए सदन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। सदन में SSB जवानों को तैनात किया गया है।

मेयर बनाने के लिए 138 वोट चाहिए
आप के पास 151 पार्षद हैं, जिनमें से 134 चुने हुए हैं। 13 विधायक, 3 सांसद और एक निर्दलीय पार्षद सपोर्ट में हैं। जबकि BJP के पक्ष में 112 पार्षद हैं, जिनमें 104 चुने हुए पार्षद। 7 सांसद और 1 विधायक हैं।

250 सीट के सदन में मेयर बनाने के लिए 138 वोट चाहिए। दिल्ली में MCD चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे, जबकि इनका रिजल्ट 8 दिसंबर को आया था।

मेयर चुनाव से जुड़े अपडेट्स…

  • वोटिंग प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक्स्ट्रा बूथ लगाया गया है।
  • BJP के सांसद हंसराज हंस ने कहा है कि उनकी पार्टी मेयर चुनाव जीत रही है।
  • सांसद मीनाक्षी लेखी ने मेयर चुनाव का सबसे पहला वोट डाला। इसके बाद AAP सांसद सुशील गुप्ता ने मतदान किया।
  • कांग्रेस के 9 पार्षदों ने मेयर चुनाव का बॉयकॉट किया। वे सदन से बाहर चले गए।

इससे पहले 3 बार चुनाव नहीं हो सके
इससे पहले 3 बार मेयर चुनाव कराने की कोशिश की गई, लेकिन भाजपा और आप मेंबर्स के हंगामे के चलते ये नहीं हो सके। हंगामे की वजह LG वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत 10 MCD सदस्यों को वोट देने की अनुमति का फैसला था। इसे लेकर AAP की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। इसमें मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में वोटिंग राइट देने के फैसले को चुनौती दी गई। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने AAP के पक्ष में फैसला सुनाया था। 24 घंटों के अंदर नोटिस जारी करने के लिए कहा था।

मेयर के साथ डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को 3 बार कोशिशें हुईं, लेकिन हर बार भाजपा और AAP के हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित हो गई।

तीन बैठकों में AAP-BJP का हंगामा

  • 6 जनवरी: MCD मुख्यालय में AAP और BJP के सदस्य आपस में भिड़ गए। हंगामे की वजह से मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी।
  • 24 जनवरी: 6 जनवरी को हुए हंगामे की वजह से मुख्यालय में पुलिस को तैनात करना पड़ा। हालांकि, इसके बाद दोनों पार्टियों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस वजह से सदन दोबारा स्थगित करना पड़ा।
  • 6 फरवरी: मेयर चुनाव तीसरी बार टल गया। 10 नॉमिनेटेड मेंबर्स को वोट की मंजूरी मिलने के बाद भाजपा और AAP के मेंबर्स ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद MCD सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

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