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आनंदपुर में गुरु भक्ति, देश प्रेम और प्रदेश गौरव का संगम: मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर मुनि श्री निरंजन सागर जी के सान्निध्य में भव्य आयोजन

आनंदपुर डेस्क  :

1 नवंबर 2025, शनिवार — आनंदपुर नगर का शासकीय पीएम श्री विद्यालय परिसर आज देशभक्ति, गुरु भक्ति और प्रदेश गौरव से ओतप्रोत नजर आया। अवसर था मध्यप्रदेश के 69वें स्थापना दिवस का, जब राष्ट्र हित चिंतक संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज एवं नवाचार्य श्री 108 समयसागर जी महामुनिराज के आशीर्वाद से तथा पूज्य मुनि श्री 108 निरंजन सागर जी महामुनिराज के सान्निध्य में एक ऐतिहासिक “महाआयोजन” का भव्य शुभारंभ हुआ।

दोपहर 2 बजे से आरंभ हुए इस आयोजन में बड़ी संख्या में नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से नागरिक, विद्यार्थी और समाजसेवी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसके उपरांत मध्यप्रदेश स्थापना दिवस और शहीदों के बलिदान को समर्पित विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को देशभक्ति से भर दिया।

कार्यक्रम के विशेष आकर्षणों में जम्मू-कश्मीर के राजौरी रेंज में शहीद हुए भारत गौरव लेफ्टिनेंट गौतम जैन के 24वें बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। साथ ही “पीएम श्री योजना” के अंतर्गत अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं अध्यापनरत शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

इस अवसर पर ख्यात चित्रकार कालूराम राव ने अपनी जीवंत चित्रकला से सबका मन मोह लिया, वहीं प्रसिद्ध गीतकार एवं संगीतकार “स्वर सम्राट” सचित चतुर्वेदी ने अपनी देशभक्ति से ओतप्रोत गायन प्रस्तुति से कार्यक्रम में जोश भर दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एसडीएम नितिन जैन ने विद्यार्थियों और नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि “गुरु भक्ति और राष्ट्र भक्ति का संगम ही सच्चे भारत के निर्माण की दिशा है।” उन्होंने मुनि श्री निरंजन सागर जी के प्रेरक संदेश “इंडिया नहीं, भारत बोलो” का समर्थन करते हुए इसे आत्मगौरव का प्रतीक बताया।

भाजपा मंडल अध्यक्ष आशीष शर्मा, नायाब तहसीलदार हेमंत अग्रवाल, लटेरी मंडल अध्यक्ष रामगुलाम राजोरिया, संयम जैन, तिर्थेश जैन सहित नगर के अनेक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने आयोजन को भव्यता प्रदान की। विद्यालय के छात्र-छात्राओं और जैन समाज द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समूचे वातावरण को अध्यात्म और देशभक्ति के रंगों से सराबोर कर दिया।

अंत में मुनि श्री 108 निरंजन सागर जी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा — “भारत केवल एक भूभाग नहीं, यह संस्कृति, संस्कार और सच्चे जीवन मूल्यों का प्रतीक है। जब हम ‘भारत’ कहेंगे, तभी आत्मगौरव का संचार होगा।”

आनंदपुर में आयोजित यह आयोजन न केवल मध्यप्रदेश स्थापना दिवस का पर्व बना, बल्कि गुरु भक्ति, देश प्रेम और आत्मगौरव के पुनर्जागरण का भी सशक्त संदेश लेकर समाप्त हुआ।

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