भोपाल

60 साल पुराना हाट अब ट्रैफिक में बाधक: टीटी नगर हाट की 1200 सब्जी दुकानों में से 500 लगेंगी स्मार्ट सिटी के 45 करोड़ से बने बाजार में

भोपाल डेस्क :

1000 करोड़ के फ्लॉप शो स्मार्ट सिटी में एक नया चांद चढ़ाया जा रहा है। एबीडी एरिया टीटी नगर के फ्लॉप प्रोजेक्ट हाट बाजार के परिसर में अब साप्ताहिक हाट यानी सब्जी मंडी लगेगा। टीनशेड पर कमला नेहरू से जवाहर चौक तक हर रविवार हाट बाजार में 1200 दुकानें लगती हैं।

इनमें से कमला नेहरू स्कूल, टीटी नगर थाना, स्टेडियम और काटजू अस्पताल के आसपास लगने वालीं 500 दुकानों को स्मार्ट सिटी वाले हाट बाजार कॉम्प्लेक्स में शिफ्ट किया जाएगा। यह कॉम्प्लेक्स 45 करोड़ से तैयार हुआ है। इसमें 417 दुकानें हैं।

इसे टीटी नगर एबीडी एरिया से शिफ्ट होने वाली गुमठियों के लिए बनाया था। अब तक 40 दुकानदारों ने ही पूरे 6 लाख रुपए देकर दुकान की रजिस्ट्री कराईं हैं। करीब 150 दुकानदारों ने 20 हजार रुपए की पहली किस्त देने के बाद राशि नहीं जमा की है। ज्यादातर गुमठी व्यवसायी इसमें शिफ्ट होने को तैयार नहीं हैं। इसलिए लोकार्पण भी अटका हुआ है।

60 साल पुराना हाट अब ट्रैफिक में बाधक
लगभग 60 साल पहले टीटी नगर में हर रविवार को हाट बाजार लगना शुरू हुआ था। इस हाट बाजार को शिफ्ट करने के सारे प्रयास विफल हो गए। अब टीटी नगर खाली हो गया, लेकिन हाट बाजार बरकरार है। यह हाट बाजार ट्रैफिक में खलल पैदा करता है। कलेक्टर ने शनिवार को नगर निगम को निर्देश दिए कि हाट बाजार के ट्रैफिक में बाधक हिस्से को स्मार्ट सिटी के हाट बाजार काॅम्प्लेक्स में शिफ्ट किया जाए। नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता रात में ही न्यू मार्केट में तैनात हो गया। नगर निगम की टीम ने हाट बाजार के व्यापारियों के प्रतिनिधि से बात की और अन्य व्यापारी शिफ्टिंग के लिए तैयार हो गए। टीटी नगर के हाट बाजार में सब्जी और फल के साथ कपड़े, मसाले, मनिहारी, जूते-चप्पल आदि की दुकानें लगती हैं।

एक बड़ी गलती… स्मार्ट सिटी की प्लानिंग में शामिल नहीं किया हाट बाजार को

टीटी नगर को एबीडी एरिया में शामिल करने के बाद की गई प्लानिंग में हाट बाजार की शिफ्टिंग को शामिल ही नहीं किया। हाट बाजार के नाम से जो काॅम्प्लेक्स बनाया, वह यहां के गुमठी व्यापारियों की जरूरतों को पूरा नहीं करता। इसलिए वे भी शिफ्ट होने को तैयार नहीं।

35 करोड़ रुपए का कॉम्प्लेक्स
स्मार्ट सिटी एरिया में स्टेडियम के पास 35 करोड़ रुपए से एक कमर्शियल कॉम्प्लेक्स प्रस्तावित था। यह काॅम्प्लेक्स नींव से ऊपर नहीं उठा। अकेले इस काॅम्प्लेक्स के लिए 417 पेड़ काट दिए गए।

40 करोड़ रुपए की बुलेवर्ड स्ट्रीट
लगभग डेढ़ किमी लंबी बुलेवर्ड स्ट्रीट दिखती खूबसूरत है, लेकिन इस पर ट्रैफिक नहीं है क्योंकि रोड के दोनों एंड प्वाइंट क्लियर नहीं हैं। सड़क निर्माण के लिए हरे-भरे देशज प्रजाति के पेड़ काट

200 करोड़ का गवर्नमेंट हाउसिंग
200 करोड़ रुपए से गवर्नमेंट हाउसिंग फेज-1 का प्रोजेक्ट आज भी अधूरा है और उसकी क्वालिटी ही सवालों के घेरे में हैं। गवर्नमेंट हाउसिंग के सेकंड और थर्ड फेज के प्रोजेक्ट शुरू ही नहीं हो पाए।

कर पाम ट्री लगा दिए जो बाद में सूख गए।40 करोड़ रुपए की बुलेवर्ड स्ट्रीट
लगभग डेढ़ किमी लंबी बुलेवर्ड स्ट्रीट दिखती खूबसूरत है, लेकिन इस पर ट्रैफिक नहीं है क्योंकि रोड के दोनों एंड प्वाइंट क्लियर नहीं हैं। सड़क निर्माण के लिए हरे-भरे देशज प्रजाति के पेड़ काट कर पाम ट्री लगा दिए जो बाद में सूख गए।

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