MP विधानसभा चुनाव: सरकार तेंदूपत्ता संग्राहक 15.24 लाख परिवारों को जून में साड़ी, सैंडल, जूते, पानी की बोतल और छाता बांटेगी
भोपाल डेस्क :
विधानसभा चुनाव से पहले सरकार जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले वनवासी-आदिवासियों को साधने में लगी है। इसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहक 15.24 लाख परिवारों जून में साड़ी, सैंडल, जूते, पानी की बोतल और छाता बांटेगी। महिलाओं को पहले चप्पल दिए जाने थे, जिसे बदलकर सैंडल कर दिया गया है।
हर परिवार को एक-एक नग जूते, पानी की बोतल और छाता दिया जाएगा। लेकिन साड़ी और सैंडल के मामले में प्रति परिवार एक नग की बंदिश नहीं होगी। परिवार में जितनी भी महिलाएं होगी, सभी को साड़ी और सैंडल दी जाएगी। लघु वनोपज संघ के माध्यम से होने वाले इस वितरण पर लगभग 260 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
छातों को छोड़कर सभी उत्पादों की आपूर्ति लघु वनोपज संघ को होना शुरू हो गई है। छातों पर सरकार मप्र वन विभाग का लोगो, सीएम का फोटो या राज्य सरकार के किसी प्रतीक को प्रिंट कराना चाहती है। इसलिए इसके ऑर्डर में कुछ देरी हो रही है।
वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल महिलाओं की संख्या 18.21 लाख थी। अब इनकी संख्या 20 लाख से अधिक होने का अनुमान है, इसलिए वन विभाग ने 21 लाख साड़ी और सैंडल का ऑर्डर दिया है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक अभी वितरण की तारीख फाइनल नहीं हुई है, लेकिन इतना तय है कि 20 जून से 30 जून के बीच यह वितरण किया जाएगा।
चरण पादुका योजना : तीन बार चैक होगा प्रोडक्ट
2018 में राज्य सरकार विधानसभा चुनाव से पहले चरण पादुका योजना लेकर आई थी। उस समय कुछ जिलों में घटिया किस्म की चप्पल और जूते दिए जाने का मुद्दा कांग्रेस ने जोर-शोर से उछाला था। इस बार सरकार ने कंपनियों से प्रोडक्शन के पहले और प्रोडक्शन के दौरान और बनने के बाद तीन बार सैंपल चैक कराने की व्यवस्था की है।
जून के आखिरी हफ्ते में होगा वितरण
“तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को जूते, चप्पल, साड़ी, सैंडिल, पानी की बोतल और छाता वितरण का काम जून माह के आखिरी सप्ताह में किया जाएगा। छाते को छोड़कर बाकी सारे उत्पादों की आपूर्ति शुरू हो गई है। इसमें क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा गया है। महिलाओं को चप्पल के स्थान पर सैंडिल दी जा रही है, ताकि वे आउटडोर वाकिंग में इसका बेहतर इस्तेमाल कर सकें।” -पुष्कर सिंह, प्रबंध संचालक, मप्र लघु वनोपज सहकारी संघ