आज मनेगा जनजातीय गौरव दिवस: भील, भिलाला और बारेला के इलाकों में कांग्रेस मजबूत; गोंड, कोरकू और कोल बहुल क्षेत्र में भाजपा असरदार
भोपाल डेस्क :
आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों के अलावा 29 सामान्य सीटें ऐसी हैं, जिन पर प्रत्याशियों का भविष्य काफी हद तक आदिवासी ही तय करेंगे। मालवा-निमाड़ में भील, भिलाला और बारेला जनजातियों का बोलबाला है, तो विंध्य, महाकौशल और नर्मदापुरम में कोल, गोंड, कोरकू और परधान जनजातियों का बोलबाला है। भाजपा के पास भील, भिलाला और बारेला जातियों का कोई बड़ा नेता नहीं हैं।
जबकि कांग्रेस में बिसाहूलाल के पाला बदलने के बाद गोंड जाति का कोई बड़ा नेता नहीं बचा है। भील, भिलाला और बारेला जनजातीय इलाकों में कांग्रेस मजबूत है। 2018 में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें इन्हीं इलाकों के प्रभाव वाली सीटों पर मिली थी। दूसरी ओर गोंड, कोरकू और कोल जनजातीय बहुल इलाकों में ज्यादातर सीटें भाजपा जीतती आ रही है।
- भाजपा के सभी बड़े आदिवासी नेता गोंड जाति के, कांग्रेस के सभी बड़े आदिवासी नेता भील और भिलाला जाति के…
कांग्रेस में बड़े आदिवासी नेता
कांतिलाल भूरिया (भील), उमंग सिंघार (भील), बाला बच्चन (भिलाला), हीरालाल अलावा (भिलाला)।
भाजपा में आदिवासियों के बड़े नेता
फग्गन सिंह कुलस्ते (गोंड), विजय शाह (गोंड), ओम प्रकाश धुर्वे (गोंड), मीना सिंह (गोंड), संपतिया उइके (गोंड) बिसाहूलाल सिंह (गोंड)।
राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा सक्रिय गोंड जनजाति है। यही कारण हैं कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सर्वाधिक 22-22 टिकट गोंडों को दिए हैं। कांग्रेस ने 20 टिकट भील, भिलाला और बारेला को दिए हैं, जबकि भाजपा ने 19 टिकट इन्हें दिए हैं।
पीएम ने 2 साल पहले भोपाल से ही सेट किया आदिवासी राजनीति का एजेंडा
प्रदेश में 15 नवंबर को देशभर में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश की राजनीति में यह दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि दो साल पहले 15 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में ही इसे राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने और आदिवासी नायकों को सम्मान देने का ऐलान कर देश में आदिवासी राजनीति का नया एजेंडा सेट किया था। इसी दिन हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर गोंड रानी कमलापति के नाम पर रखा गया। प्रदेश में 89 ट्राइबल ब्लॉक में आदिवासियों के लिए राशन आपके द्वार योजना की इसी दिन शुरू की गई।