मौसम में बड़ा बदलाव, तूफान मोचा कराएगा प्रदेश में फिर बारिश: इंदौर संभाग में अलर्ट, भोपाल समेत 8 जिलों में आज बूंदाबांदी; अगले 4 दिन आंधी-पानी
न्यूज़ डेस्क :
मई का पहला हफ्ता गुजरने को है। मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी नहीं पड़ी। अधिकतम तापमान 40 डिग्री से नीचे है। अगले हफ्ते भी तापमान बहुत ज्यादा नहीं चढ़ेगा। 7 से 9 मई के बीच बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ उठेगा। इससे अगले 4 दिन मध्यप्रदेश में बारिश और आंधी का पूर्वानुमान है। शनिवार रात उज्जैन और रतलाम में बारिश हुई है।
मौसम वैज्ञानिक अशफाक हुसैन ने बताया कि रविवार को इंदौर संभाग के जिलों के अलावा भोपाल, सीहोर, बैतूल, देवास, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर और आगर में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। यहां गरज के साथ आकाशीय बिजली गिरने या चमकने की संभावना भी है। इसके लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि अगले कुछ दिन प्रदेश में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन ओलावृष्टि की संभावना नहीं है।
‘मोचा’ 7 मई को प. बंगाल और ओडिशा में असर दिखाएगा। 8 और 9 मई को इसकी तीव्रता बढ़ने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, 15 मई के बाद पारा बढ़ सकता है, लेकिन उत्तर-प. भारत से लेकर मध्य भारत के राज्यों में कई दिन तक लगातार हीटवेव चलने जैसी घटनाएं आम गर्मियों की तुलना में कम होंगी। पूर्वी मध्यप्रदेश में हीटवेव चल सकती है। जून में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। ऐसे में यह दो दशक की सबसे छोटी गर्मी होने वाली है। इस तूफान को मोचा नाम यमन ने दिया है। मोचा एक यमन का शहर है, जिसे मोखा भी कहते हैं। ये शहर अपने कॉफी व्यापार के लिए जाना जाता है।
बंगाल की खाड़ी में तूफान आने से हो सकती है प्री मानसून बारिश
मौसम विज्ञानी आरके जेनामनी के मुताबिक, जहां तक जून में कम या ज्यादा गर्मी पड़ने का सवाल है तो अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता। एक जून को मानसून केरल में दस्तक देता है और आखिर में पश्चिमी राजस्थान पहुंचकर 8 जुलाई तक समूचे देश में छा जाता है, लेकिन उत्तर भारत में मानसून की दस्तक देने से पहले तक गर्मी जारी रह सकती है। हालांकि, यदि अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में कोई तूफान विकसित हुआ तो प्री-मानसूनी बारिश का दौर आ सकता है, उस दौरान गर्मी कम हो सकती है। वह एक जून को दस्तक दे पाएगा या नहीं, इसकी गणना जारी है, 15 मई तक इसका अनुमान सामने आ सकेगा।
मध्य भारत में अप्रैल में 226% ज्यादा हुई बारिश
देश में गर्मी का सीजन अमूमन मार्च से 15 जून तक रहता है। इस बार मार्च में 7 पश्चिमी विक्षोभ आए। इससे देशभर में 37.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (29.9 मिमी) से 26% ज्यादा थी। मार्च के दूसरे पखवाड़े में दिन का अधिकतम तापमान लगातार सामान्य से कम रहा। वहीं, अप्रैल में पांच पश्चिमी विक्षोभ आए, जिनसे उत्तर-पश्चिमी भारत में कई बार बारिश हुई और तापमान कम बना रहा। अप्रैल में देशभर में 41.4 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (39.3 मिमी) से 5% अधिक थी। मध्य भारत में अप्रैल में सामान्य रूप से 9.2 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 30 मिमी यानी 226% ज्यादा बारिश दर्ज हुई।
भोपाल में दोपहर बाद बादल छाएंगे
रविवार को भोपाल में दोपहर बाद हल्के बादल छाए रहेंगे। दिन और रात के तापमान में मामूली बढ़ोतरी होगी। दिन में पारा 37 और रात में 25 डिग्री तक पहुंच सकता है।