विदिशा

जिले के सभी 22 थानों में जन संवाद का आयोजन: विदिशा में आईजी भी हुए शामिल, नशा का मुद्दा छाया रहा

विदिशा डेस्क :

लोगो की आम समस्याओं के बारे में चर्चा करने के आज विदिशा जिले के थानों में जनसंबाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया । विदिशा में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में अवैध शराब विक्रय और यातायात व्यवस्था का मामला छाया रहा। नगरिकों ने आईजी, कलेक्टर एवं एसपी के सामने ही पुलिस व्यवस्था पर सबाल उठाए।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विदिशा जिले में कई जगह जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विदिशा में कोतवाली और सिविल लाइन थाना ने अंतर्गत संयुक्त रूप से अग्रवाल धर्मशाला में जनसंवाद का कार्यक्रम आयोजन किया।

जिसमें शहर में व्याप्त विभिन्न प्रकार की समस्याओं जिसमें नशा, अवैध शराब का विक्रय, यातायात व्यवस्था, अतिक्रमण, पार्किंग के अलावा सामाजिक धार्मिक गतिविधियों में आ रही परेशानियों को लेकर शहर के नागरिकों की ओर से अपनी बात रखी गई।

लोगों ने सबसे ज्यादा नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने की मांग रखी। लोगों की समस्याओं व सुझावों पर पुलिस व प्रशासन ने उचित कदम उठाकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के आश्वासन दिया। आईजी अभय सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इस प्रकार के जन संवाद आयोजित किया जा रहे हैं। जो क्षेत्र की समस्याओं को आम नागरिकों के माध्यम से हम तक पहुंच रहे हैं।

उन समस्याओं को जो तात्कालिक रूप से हल किया जा सकते हैं। उन्हें और कई सुझाव जिसमें नीति बनाकर पुलिस व प्रशासन के संयुक्त रूप से हल किया जा सकते हैं , उन पर विचार किया गया ।साथ ही साथ उन्होंने कई ऐसे सामाजिक मुद्दे भी हैं जिनमें आम जनता के सहयोग की आवश्यकता है उसमें सहयोग की अपील भी की है।

विदिशा में जन संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भोपाल रेंज के आईजी अभय सिंह, कलेक्टर उमा शंकर भार्गव, एसपी दीपक शुक्ला के साथ-साथ चारों धर्म के धर्मगुरु, जनपद पंचायत अध्यक्ष वीर सिंह रघुवंशी, कुश कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त नारायण सिंह कुशवाहा, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि कैलाश रघुवंशी, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश शर्मा, पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तोरण सिंह दांगी, सनातन श्री हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र राजपूत, भाजपा प्रदेश पदाधिकारी मंजरी जैन के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्य, पदाधिकारी, धार्मिक संगठनों के सदस्य मौजूद थे।

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