हथौड़ा में महाकुंभ 11 मई से:251 कुंडीय महायज्ञ और वाल्मीकि रामायण कथा की तैयारियां युद्ध स्तर पर, प्रयागराज के कारीगरों ने तैयार की 25600 वर्ग फीट में यज्ञशाला
विदिशा डेस्क :
ग्राम हथोड़ा के सिरावदा पठार पर होने वाले 251 कुंडीय महायज्ञ और वाल्मीकि रामायण कथा आयोजन की तैयारियां युद्ध स्तर पर प्रारंभ हो गई हैं। 11 से 21 मई तक होने वाले इस महाकुंभ आयोजन के लिए आयोजन स्थल तक पहुंचने के लिए सड़कों का निर्माण दिन रात चल रहा है। वहीं आयोजन में जुटने वाले हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए बड़े वाहन पार्किंग स्थल खेतों में बनाए जा रहे हैं।
बाहर से आने वाले संत समाज और श्रद्धालुओं के लिए ठहरने से लेकर भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है। आयोजन व्यवस्था के लिए बनाई गई अलग-अलग समितियों ने अपनी अपनी जिम्मेदारी की कमान संभाल रखी है। कार्यक्रम का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। आयोजन समिति की जिम्मेदारियां बढ़ रही हैं। इसके साथ ही बारिश के बाद तेज गर्मी की संभावना को देखते हुए सफाई, पेयजल से लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं। आयोजन की तैयारियां पिछले 2 महीनों से चल रही थी। अब अंतिम पड़ाव पर हैं।
वात्सल्य स्कूल में सामान्य संत निवास
बाहर से आने वाले साधु ,संतों को कथा स्थल के समीप वात्सल्य स्कूल में संत निवास बनाया गया है। वहां उनके रहने और भोजन की व्यवस्था रहेगी। इसके साथ ही यह व्यवस्था संभाल रहे लोगों को भी भोजन आदि की व्यवस्था की गई है।
इसके अतिरिक्त मुख्य मार्ग से आगे कथा स्थल से पहले तो बड़े-बड़े पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। इससे नगर सहित बाहर से आने वाले श्रद्धालु , ग्रामीण क्षेत्रों आने वाले श्रोताओं की ट्रैक्टर-ट्राॅलियों को खड़ा किया जा सके। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड और एक दर्जन पानी के टैंकरों की व्यवस्था रखी गई है। इसके कारण जल सप्लाई मैं कोई कमी न रहे। पूरे आयोजन स्थल पर रोशनी के लिए हेलो जन सहित एलईडी लाइटों की व्यवस्था की जा रही है।
यज्ञशाला बनकर तैयार
आयोजन के लिए सिरावदा पठार पर यज्ञशाला का निर्माण पूरा हो चुका है। बांस की लकड़ियों से 5 मंजिल की यह यज्ञशाला 25600 वर्ग फीट भूमि पर प्रयागराज के कारीगरों द्वारा बड़े ही आकर्षक रूप में तैयार की गई है। इसके चारों तरफ बांस की ही रेलिंग सुरक्षा के लिए लगाई गई है।
यज्ञशाला निर्माण के दौरान बड़ी तादाद में बांस का उपयोग किया गया है। इससे की कार्यक्रम के दौरान कोई भी जानवर अंदर प्रवेश न कर सके। इसी यज्ञशाला के अंदर 251 कुंड बनाए गए हैं। इन कुंडों पर यज्ञ में शामिल होने वाले यजमान जोड़े बैठेंगे और हवन में आहुतियां डालेंगे।
विशाल पंडाल लगाया जा रहा है
वाल्मीकि रामायण कथा और आध्यात्मिक प्रवचन चित्रकूट धाम के जगतगुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य महाराज के मुखारबिंद से 11 से 21 मई तक होना है। कथा में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए आयोजन समिति द्वारा कथा स्थल पर 25 हजार 200 वर्ग फीट में डोम टेंट लगाया गया है। इसके दोनों तरफ साढ़े 4 हजार वर्ग फीट के दो सादे टेंट लगाए गए हैं।
आयोजन के सूत्रधार पंडित राजा महाराज ने बताया कि जैसे-जैसे आवश्यकता पड़ेगी। उसी प्रकार टेंट को और विस्तार दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त बाहर से आने वाले बड़े साधु-संतों के लिए विस्कावली आश्रम में व्यवस्था की जा रही है।
प्रशासन से मिल रहा है सहयोग
कार्यक्रम का स्वरूप काफी विशाल है। जगतगुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य की कथा को श्रवण करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोजन की तैयारियां की गई हैं। प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है।
पंडित राजा महाराज, मुख्य सूत्रधार आयोजन समिति हथोड़ा, गंजबासौदा।