भोपाल

ब्रेन हेमरेज मरीज के लिए देर रात ट्रेन तक पहुंचाई ऑक्सीजन: प्रदेश की राजधानी भोपाल में आधी रात को उठे मदद के हाथ

भोपाल डेस्क :

भोपाल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर किसी को गर्व हो सकता है। दरअसल गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 1 बजे रेलवे के वाणिज्य कंट्रोल रूम का फोन बजा। कंट्रोल ऑफिसर को बताया कि रायपुर से दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस में एक यात्री की तबीयत बिगड़ गई है। उसे ऑक्सीजन की जरूरत है।

फोन पर बताया गया कि ब्रेन हेमरेज का यह मरीज एम्स में इलाज कराने जा रहा है। उसका ऑक्सीजन लेवल काफी गिर गया है। ट्रेन 4 बजे तक भोपाल स्टेशन पहुंचेगी। इसके बाद रेलवे ने सबसे पहले CPHD हेल्थ केयर फाउंडेशन को कॉल किया।

यह सुनते ही स्टेशन पर गहमागहमी बढ़ गई। संगठन से जुड़े युवकों ने रात को ही चिरायु अस्पताल पहुंचकर सिलेंडर की व्यवस्था की। समय पर मरीज को मदद पहुंचाई। जब टीम कोच में पहुंची, तो मरीज की अटेंडर रो रही थी। आखिरकार समय पर ऑक्सीजन मिलने से यात्री की जान बच गई।

रायपुर से दिल्ली जा रहा था मरीज
रेलवे के अनुसार रायपुर से दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस में बैठे अटेंडर धीरज ने 15-16 दिसंबर 2022 की दरमियानी रात 1 बजे रेलवे के वाणिज्य कंट्रोल रूम को फोन किया। अटेंडर ने बताया कि उनके साथ ब्रेन हेमरेज का मरीज है, जिनकी उम्र करीब 40 वर्ष है। उन्हें शिफ्ट करने के लिए दिल्ली ‘एम्स’ ले जा रहे हैं, लेकिन नागपुर पहुंचने से पहले ही उनका ऑक्सीजन लेवल अचानक से गिरने लगा। मरीज की हालत गंभीर हो गई है। शायद सिलेंडर खत्म हो रहा है।

इसे ध्यान रखते हुए डॉक्टर ने सलाह दी कि उन्हें सिलेंडर की आवश्यकता है। वाणिज्य कंट्रोल ने भोपाल स्टेशन पर उप स्टेशन प्रबंधक वाणिज्य जावेद अंसारी को सूचना दी। अंसारी ने तत्काल गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) CPHD हेल्थ केयर फाउंडेशन से संपर्क किया। ऑक्सीजन सिलेंडर, फ्लो मीटर व मास्क की व्यवस्था करवाने का आग्रह किया गया।

रात को ही एनजीओ को कॉल किया
एनजीओ के वाइस चेयरमैन अभिषेक मकवानी तुरंत टीम के चेयरमैन मोहम्मद वसीम रजा और फाउंडर सागर जैन के साथ मिलकर पीरगेट स्थित चिरायु अस्पताल पहुंचे। यहां अस्पताल के अरुण गोयनका व हरीश उदासी की मदद से टीम को तत्काल जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर मिल गया। CPHD की टीम द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर भोपाल रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया।

रात को ही टीम के साथ निकल पड़े युवा
अभिषेक ने बताया कि सूचना मिलते ही हमारी टीम सिलेंडर की व्यवस्था करने के लिए निकल गई। उन्होंने चिरायु अस्पताल प्रबंधन से बात की। उन्होंने मदद का आश्वासन दिया। वहां पहुंचने पर ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ उसमें लगने वाले जरूरी उपकरण भी तैयार मिले। वे सिलेंडर लेकर तत्काल भोपाल स्टेशन पहुंचे। जब अंदर पहुंचे तो मरीज की हालत खराब थी। उनके अटेंडर रो रहे थे। ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने के बाद मरीज का ऑक्सीजन लेवल बेहतर हुआ। परिजनों ने इसके लिए शुक्रिया भी अदा किया।

2 अप्रैल को भी बच्चे को ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया था
इससे पहले इसी साल 2 अप्रैल को भोपाल के लोगों ने नागपुर से दिल्ली जा रहे 26 दिन के बच्चे को ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया था। जानकारी मिलने पर राजधानी के कई निवासी उसकी मदद करने के लिए आगे आए थे। उसे भी आधी रात को ट्रेन में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया गया था। इन लोगों को सोशल मीडिया से पता चला था कि ट्रेन से जा रहे बच्चे के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है। जिसके बाद कई लोग ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे।

इस बच्चे के माता-पिता ने उसको बचाने के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लोगों को धन्यवाद दिया था। इस बच्चे को दिल की बीमारी थी और चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे के दिल का वॉल्व खराब है।

सभी ने मिलकर किया काम
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रियंका दीक्षित ने कहा कि DRM सौरभ बन्दोपाध्याय के मार्गदर्शन में सभी विभाग यात्रियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराकर कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दे रहे हैं। वाणिज्य कर्मचारियों द्वारा ब्रेन हेमरेज के मरीज को सहायता पहुंचाने का काम सराहनीय है।

मण्डल रेल प्रबंधक ने कहा कि कर्तव्यनिष्ठ और सतर्क रहने वाले रेल कर्मियों की वजह से लोगों में रेलवे की छवि बनी है। इससे ईमानदारीपूर्वक कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।

देर रात तक जागे अफसर
मैसेज मिलते ही लोगों के साथ भोपाल जिला प्रशासन और स्वस्थ्य विभाग के अफसर भी अलर्ट हो गए। उन्होंने अपने अधीनस्थ अमले और अस्पतालों को मदद पहुंचाने के लिए निर्देशित किया। ट्रेन भोपाल आने से पहले ही अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर कर्मचारी रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे।

रेलवे डॉक्टर की टीम पैरामेडिकल स्टाफ के साथ-साथ पुलिस सहयोगी दल भी स्टेशन पर मौजूद रहा। गाड़ी के भोपाल स्टेशन पर पहुंचने पर मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया। जब ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज के परिजनों को दिया गया तो मरीज के परिजन भावुक हो उठे और उन्होंने भोपाल को धन्यवाद कहा।

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