लोकसभा चुनाव में ओबीसी मुद्दा, भाजपा ने जातिगत संतुलन साधा, कांग्रेस पीछे: कांग्रेस ने 5 ओबीसी उतारे, भाजपा ने 10
भोपाल डेस्क :
जातिगत जनगणना और ओबीसी का मुद्दा उठाने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में ओबीसी को टिकटों में हिस्सेदारी देने में पिछड़ गई है। भाजपा ने पहले टिकट घोषित कर ने केवल जातिगत संतुलन को बेहतर ढंग से साधा है, बल्कि ओबीसी को सर्वाधिक हिस्सेदारी देते हुए 10 टिकट दिए हैं। वहीं, कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग को सिर्फ 5 टिकट दिए हैं।
5 सीटों पर एक ही जाति… 29 सीटों में से 5 पर एक ही जाति के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। मुरैना में भाजपा-कांग्रेस ने ठाकुर उम्मीदवार उतारे हैं। रीवा में ब्राह्मण, शहडोल और मंडला सीट पर दोनों ओर से गोंड जाति और दमोह पर लोधी के सामने लोधी उम्मीदवार है।
मुरैना में ठाकुर VS ठाकुर, ग्वालियर में ओबीसी VS ब्राह्मण
ग्वालियर में भी बड़े नेता रामसेवक बाबूजी के पक्ष में थे, लेकिन कांग्रेस संगठन प्रवीण पाठक के पक्ष में था। पाठक भी लगातार दिल्ली में अपनी फील्डिंग जमाते रहे। अंतत: उन्हें ही टिकट मिला।
सिकरवार को सिंघार ने दिलाया टिकट…
सिकरवार को टिकट दिलाने के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार 5 दिन से दिल्ली में डेरा डाले थे। मुरैना में प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह जौरा विधायक पंकज उपाध्याय को लड़ाने के पक्ष में थे।
भाजपा की 6 महिलाओं के सामने कांग्रेस से सिर्फ एक
भाजपा ने 6 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने सिर्फ एक ही महिला को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 5 मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारा है, भाजपा ने सिर्फ मौजूदा विधायक शिवराज सिंह को टिकट दिया है।