भोपाल

एमपी विधानसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: सदन में कागज फेंके गए, 13 मार्च तक कार्यवाही स्थगित

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है। आज बजट सत्र के पांचवें दिन स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर किताब फेंककर मारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सदन में मैं स्पीकर से पूछ रहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कब कराएंगे? इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नियम संचालन पुस्तिका मेरी ओर जोर से फेंककर मारी।

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, हम संसदीय कार्यमंत्री के विरुद्ध अवमानना प्रस्ताव लाएंगे। इस प्रकार के मंत्री को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, मैंने किताब नहीं मारी। मैं चपरासी को हटा रहा था।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा के पीएस एपी सिंह को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी। इसमें 48 विधायकों के सिग्नेचर हैं। कमलनाथ के साइन नहीं हैं। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा- प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अविश्वास प्रस्ताव पर सहमति दे दी, लेकिन साइन नहीं किए। अविश्ववास प्रस्ताव पर कमलनाथ के साइन नहीं होने पर सज्जन वर्मा ने कहा कि वे आज जोबट में हैं। नेता प्रतिपक्ष बोले कि हमने उनके साथ बैठकर ही अविश्ववास प्रस्ताव का निर्णय लिया था।

बता दें, गुरुवार को स्पीकर ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन का फैसला सुनाया था। इसके बाद से ही कांग्रेस के तमाम विधायकों ने पटवारी के साथ खडे़ रहकर सदन में लड़ाई लड़ने का ऐलान किया था। पटवारी के निलंबन पर कमलनाथ ने कहा, ये नहीं चाहते कि इनकी बातों का खुलासा हो। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले- भ्रष्टाचार छिपाने का काम सरकार करती है, स्पीकर साथ देते हैं। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव लाना ही था तो मेरे खिलाफ लाते। मूल कार्य तो संसदीय कार्यमंत्री का था।

सदन में कागज फेंके गए, 13 मार्च तक कार्यवाही स्थगित

  • स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही विपक्ष की नारेबाजी के बीच शुरू हुई। सदन में कागज फेंके गए।
  • नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हमने संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव दिया है। इन्हें आज के पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाए।
  • स्पीकर ने बोले- मैंने निष्पक्ष होकर जीतू पटवारी के निलंबन की कार्रवाई की है।
  • सज्जन सिंह वर्मा ने किताब फाड़ी। कांग्रेस विधायकों ने नरोत्तम मिश्रा मुर्दाबाद के नारे लगाए।
  • स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
  • सज्जन वर्मा ने स्वीकारा- मैंने सदन में किताब फाड़ी। बोले- सज्जन वर्मा पर कार्रवाई होती है, इससे पहले नरोत्तम मिश्रा पर कार्रवाई करो।

नरोत्तम का तंज- वो बेचारा अकेला रह गया

  • संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के लेटर को दिखाते हुए कहा- 11 बजे तक मुझे सूचना देनी थी, लेकिन सूचना इसके बाद दी।
  • जो पत्र विपक्ष की ओर से दिया गया, उसमें सदन की संख्या के आदेश से कम विधायकों ने साइन किए।
  • सबसे बड़ी बात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अविश्वास प्रस्ताव पर सहमति दे दी, लेकिन साइन नहीं किए।
  • वो बेचारा अकेला रह गया। शोले फिल्म जैसी हालत हो गई, आधे इधर जाओ – आधे इधर जाओ, बाकी मेरे पीछे आओ।

सज्जन वर्मा बोले- स्पीकर की कुर्सी किसी दूसरे को देकर सदन चलाएं

  • सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने स्पीकर से कहा- हमने आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है।
  • स्पीकर बोले- मुझे नहीं मिला, जब आएगा, तब देखेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हमने आपके कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया।
  • सज्जन सिंह वर्मा ने कहा- मेरी मांग है कि सदन में स्पीकर की कुर्सी किसी दूसरे को देकर सदन चलाना चाहिए।
  • नरोत्तम मिश्रा ने स्पीकर से कहा- निलंबन का फैसला मेरा था, न कि आपका। आपने तो स्वीकार किया।
  • कांग्रेस विधायकों ने संसदीय कार्यमंत्री की गुंडागर्दी नहीं चलेगी के नारे लगाने शुरू कर दिए।
  • हंगामे के बीच 5 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बाद में इसे दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दिया गया। प्रश्नकाल नहीं हुआ।

मीडिया को अंदर जाने से रोका, धरने के बाद जाने दिया

  • विधानसभा में आज मीडिया पर पाबंदी भी लगा दी गई थी। पुलिस ने बैरिकेड कर बाहर ही रोक दिया था।
  • पुलिसकर्मियों का कहना था कि स्पीकर ने आदेश दिया है कि जहां बाइट होती है, उस कक्ष के अलावा कहीं और कवरेज नहीं किया जाएगा।
  • पत्रकार धरने पर बैठ गए। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आकर धरना खत्म कराया। बोले- स्पीकर को इसकी जानकारी नहीं थी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भ्रष्टाचार छिपाने में साथ देते हैं स्पीकर

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अपनी गरिमा के विपरीत निर्णय लिया है। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। शिवराज सिंह द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग में दिए उत्तर में खुद लिखा- सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया। भाजपा कार्यालय में जो बैठकें और सम्मेलन होते हैं, उनके लिए करोड़ों रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए गए हैं। ये प्रजातंत्र में लूट और भ्रष्टाचार है। भ्रष्टाचार छिपाने का काम सरकार करती है, अध्यक्ष साथ देते हैं। चोरी सरकार करे, माफी जीतू पटवारी और कांग्रेस के लोग क्यों मांगें।

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