भोपाल

जर्जर इमारतों में चल रहे कई कई सरकारी स्कूल: कहीं कमरों में भरे बैलेट बॉक्स 8 साल से गैलरी में हो रही पढ़ाई, अफसोस कि हम राजधानी के स्कूल हैं

भोपाल डेस्क :

स्कूलों की तकदीर सुधारने वाले प्रदेश के सबसे बड़े हेड ऑफिस, लोक शिक्षण संचालनालय से बमुश्किल 10 किमी दायरे में राजधानी के अति-जर्जर सरकारी स्कूलों की लंबी फेहरिस्त है। भोपाल में 850 से ज्यादा स्कूल हैं। इनमें 9 ऐसे हैं जिनमें टीचर तो हैं पर बच्चे नहीं।

500 स्कूल ऐसे हैं जिनमें 100 बच्चे भी नहीं है। कहीं 9 बच्चों पर 1 शिक्षक है कहीं 57 पर एक। किसी स्कूल की दीवारें इतनी पुरानी हैं कि भरभराकर गिर रही हैं तो कहीं 11 कमरों में से 10 कमरों और 2 हॉल में 8 साल से बैलेट बॉक्स भरे हुए हैं।

उबेदिया स्कूल… गैलरी में लगती है क्लास

ताजुल मसाजिद के पास साल 1913 में बने उबेदिया हाई स्कूल में घुसते ही पुलिसकर्मी आने की वजह पूछते हुए रोक लेते हैं। पुलिस इसलिए क्योंकि यहां बैलेट बॉक्स रखे हैं। दो मंजिला स्कूल में 8 साल से क्लास गैलरी में लग रही हैं। प्राचार्य सिदरजीत कौर कहती हैं, एक कमरे को छोड़ बाकी 10 कमरों और 2 हॉल में बैलेट बॉक्स रखे हैं। 2015 में प्रशासन ने सिर्फ दो कमरे लिए थे। उसके बाद धीरे-धीरे पूरे स्कूल पर कब्जा हो गया। बारिश में छुट्‌टी करना पड़ती है।

जहांगीरिया… छत या दीवार गिरने का खतरा

इब्राहिमपुरा में जहांगीरिया स्कूल 1895 में बना हेरीटेज स्कूल है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा भी यहीं पढ़े थे। प्राचार्य ऊषा खरे कहती हैं कि यहां अचानक कभी भी छत का प्लास्टर या दीवार गिर जाती है। दूसरी मंजिल पर बने कमरों में मलबे के ढेर लग चुके हैं। इसी के ठीक नीचे कंप्यूटर और लैब पर पैसे खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन स्कूल की मरम्मत की सुध किसी ने नहीं ली। प्रिंसिपल कहती हैं अधिकांश कमरे अब काम के नहीं हैं।

हमीदिया गर्ल्स स्कूल, हर दिन जान का जोखिम बना रहता है

1934 में बने हमीदिया गर्ल्स स्कूल में 308 छात्राएं हैं। अंधेरे कमरे हैं। स्कूल में ही यतीमखाना खुला है। लेकिन जो सबसे खतरनाक है वो है हैवी ट्रैफिक से भरी हमीदिया रोड, जहां इस स्कूल का मैन गेट खुलता है। प्राचार्य विमला शाह कहती हैं कई बार बच्चों को बचाने और सड़क पार कराने की कोशिश में शिक्षक भी गिर जाते हैं।

भोपाल में 862 स्कूल, 9 में एक भी बच्चा नहीं

  • 43 स्कूलों में 10 से कम बच्चे हैं
  • 364 ऐसे स्कूल जिनमें छात्र संख्या 50 से कम है
  • 504 स्कूल ऐसे हैं जिनमें 100 या उससे कम छात्र हैं
  • 08 स्कूलों में 1 हजार से ज्यादा छात्र हैं

शासकीय आनंद नगर हायर सेकंडरी स्कूल में सबसे ज्यादा 2619 छात्र हैं (नोट- नवंबर-2022 की स्थिति।)

स्वीकृत पदाें से 600 टीचर ज्यादा

भोपाल जिले के साढ़े आठ सौ से ज्यादा स्कूलों में साढ़े 5 हजार शिक्षक हैं। यह स्वीकृत शिक्षकों से करीब 600 ज्यादा हैं। फिर भी कई स्कूलों में छात्रों के मुकाबले पर्याप्त टीचर नहीं हैं।

छात्र और शिक्षक अनुपात में भारी अंतर

हमीदिया गर्ल्स स्कूल में 308 बच्चे और 31 शिक्षक हैं। ऐसे में यहां 9 बच्चों पर एक टीचर है। जबकि 1700 बच्चों वाले एक्सीलेंस स्कूल में 29 शिक्षक हैं। यानी 57 बच्चों पर एक टीचर।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!