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स्वच्छता सर्वेक्षण के सातवें आसमान पर इंदौर:

इंदौर डेस्क :

स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे गुरुवार को घोषित होंगे। राष्ट्रपति अवॉर्ड के लिए देशभर से सिर्फ तीन शहरों को आमंत्रित किया गया है। इनमें इंदौर, सूरत और नवी मुंबई शामिल हैं। ये तीनों शहर पिछली बार भी टॉप-थ्री में थे। इनमें सूरत के साथ हमारा कड़ा मुकाबला रहा। इंदौर और सूरत के अंकों में मात्र 221 का ही फासला था। इस बार सूरत और नवी मुंबई वाटर प्लस सिटी भी बन सकते हैं, जिनसे उनके अंकों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।

बावजूद इसके इंदौर ही लगातार सातवीं बार भी सफाई में नंबर वन होगा। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय करीब एक हफ्ते पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं। हालांकि सूरत इस बार भी बिल्कुल बराबरी के मुकाबले में है। यह चर्चा भी है कि दोनों शहरों को संयुक्त से रूप से यह खिताब मिल सकता है। इसका फैसला गुरुवार सुबह 11 बजे होगा। बुधवार शाम को हुई रिहर्सल में भी अंकों का खुलासा नहीं किया गया। सातवीं बार लगातार इंदौर को यह खिताब मिलना दूसरे शहरों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है।

अवॉर्ड लेने इंदौर का अब तक का सबसे बड़ा 85 सदस्यों का दल दिल्ली पहुंचा

इंदौर से अब तक का सबसे बड़ा 85 सदस्यीय दल अवाॅर्ड सेरेमनी में भाग लेने नई दिल्ली पहुंच गया है। इस बार नौ हजार अंकों के हिसाब से रैंकिंग की गई है, जिसमें ट्यूलिप इंटर्नशिप, 3 आर, एक्यूआई, सफाई मित्र सुरक्षा और सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के अंक बढ़ाए गए हैं।

बड़ा बदलाव : सफाई कर्मी नहीं मित्र

7500 स्वच्छताकर्मी हैं शहर की सफाई व्यवस्था की रीढ़… सुबह से देर रात तक सड़कों पर नजर आने वाले इन स्वच्छता वीरों की कहानी, उन्हीं की जुबानी…

पहले कोई पहचानता तक नहीं था, अब लोग स्वागत करते हैं हमारा

मेरी ड्यूटी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन गाड़ी पर है। मैंने 11 साल पहले नौकरी शुरू की थी। 2015 से पहले जगह-जगह कचरा पेटियां रखी होती थीं। इनके बाहर ही कचरे का ढेर लगा रहता था। वार्ड के लोग हमें जानते तक नहीं थे, लेकिन अब हमारा इंतजार करते हैं। घर-घर पर सदस्य हमें पहचानते हैं। लोग समझदारी से कचरा देते हैं। गाड़ी जैसे ही आती है, लोग खुद ब खुद बाहर आकर कचरा देते हैं। अच्छा लगता है। सम्मान मिलता है। लोग अच्छे से बात करते हैं। तारीफ भी करते हैं। जब शहर को इनाम मिलता है तो हार-फूल से हमारा स्वागत भी हुआ है। मेरा स्वागत कई बार हुआ।

लोग हमें देखकर कहते हैं… इनके कारण शहर सफाई में नंबर वन है

मैं आठ साल से नगर निगम में काम कर रही हूं। अभी वार्ड 52 में ड्यूटी है। अब पहले जितना कचरा व गंदगी नहीं होती है। पहले तो घुटनों तक नालों में उतरना पड़ता था। बहुत मुश्किल दौर होता था। कीचड़ में हाथ डालकर कचरा-पन्नियां निकालना पड़ती थी। शहर सफाई में नंबर वन आने लगा तो लोग भी जागरूक होने लगे हैं। हमें अब नालों में नहीं उतरना पड़ता है। गीला-सूखा कचरा अलग-अलग डालते हैं। गाड़ियां, मशीनें आ गई हैं। लोग सम्मान करते हैं। हमें देखकर कहते हैं कि इनके कारण अपना शहर नंबर वन है।

…बस ये कसक बाकी
कान्ह का पुराना दौर लौट आए

इंदौर को कान्ह की सफाई के लिए वाटर प्लस का दर्जा मिला है, लेकिन अभी भी उसमें गंदगी बहती है। अब यह दृश्य बदलना है।

सेवन स्टार के 1375, वाटर प्लस के 1125 अंक

स्वच्छ भारत मिशन के सलाहकार अमित दुबे ने बताया- 7 स्टार सिटी के लिए 1375 अंकों का प्रावधान है। इस साल 17 शहरों ने 7 स्टार के लिए आवेदन किया था। देश की पहली वाटर प्लस सिटी के 1125 अंक थे, वैधता 2023 में पूरी हो गई। दोबारा सर्वे हुआ है।

कोई शक नहीं, इंदौर ही रहेगा नंबर वन

इंदौर ने जो नवाचार किए हैं, उसका देश में मुकाबला नहीं। हम ही नंबर वन होंगे।
– कैलाश विजयवर्गीय,मंत्री

पूरी नई टीम के बावजूद जज्बा बरकरार रहा

पूरी टीम नई थी। बाकी जगह शहर स्तर पर जो सुविधाएं नहीं हैं, वे हमने जोन में जुटाईं।
-पुष्यमित्र भार्गव, महापौर

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