मध्यप्रदेश

डिप्टी कलेक्टर बोलीं-गोली मारने, ट्रक से कुचलने की धमकी मिली: निशा बांगरे ने कहा- कुछ भी हुआ तो मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे

न्यूज़ डेस्क :

न्याय यात्रा पर निकलीं छतरपुर जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने कहा कि उन्हें यात्रा बंद करने के लिए धमकियां मिल रही हैं। निशा ने कहा, ‘मेरे साथियों के जरिए मुझे धमकाया जा रहा है कि इस यात्रा को बंद दें, क्या पता राजनीति में कब आप पर गोली चल जाए। आपको पता भी नहीं चलेगा और ट्रक कुचलकर निकल जाएगा। हमारे साथ ऐसी कोई घटना हुई तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार होंगे।’

निशा बांगरे की यात्रा का आज तीसरा दिन है। इसके पहले वे शुक्रवार रात सारणी पहुंचीं। जय स्तम्भ चौक पर उन्होंने खुले आसमान के नीचे रात बिताई। आज सुबह उन्होंने वीडियो जारी कर धमकी मिलने के आरोप लगाए। इसके बाद वह शाहपुर के रास्ते भोपाल के लिए रवाना हो गईं।

इस्तीफा मंजूर कराने निकाली न्याय यात्रा

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। उन्होंने 22 जून को डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन सरकार ने अब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। अपना इस्तीफा मंजूर कराने के लिए न्याय यात्रा की शुरुआत की। वह आमला से पैदल चलते हुए भोपाल में सीएम हाउस तक जाएगी। करीब 335 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा के बाद वह 9 अक्टूबर को भोपाल में सीएम हाउस के सामने आमरण अनशन करेगीं।

कुछ भी होता है तो मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे…

निशा बांगरे ने बताया, ‘खुले आसमान के नीचे हमने रात गुजारी। यह इसलिए तय किया गया ताकि एहसास हो कि कैसे लोग इस तरह जीवन बसर करते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमें इसके लिए विवश कर दिया है। मेरे साथियों को कहा जा रहा है कि यात्रा बंद कर दो। इटारसी-होशंगाबाद से आगे बढ़ने नहीं दिया जाएगा। मेरा मध्य प्रदेश शासन, जिला प्रशासन से कहना है कि वह इस तरह की धमकियों को गंभीरता से लें। अगर हमारे साथ कोई घटना घटती है तो इसके जिम्मेदार मध्यप्रदेश सरकार, जिला प्रशासन होगा। शिवराज मामा हमारे साथ हुई किसी भी घटना के लिए जिम्मेदार होंगे।’

बैतूल में पदस्थ रहते हुए काफी सक्रिय थीं निशा

मूलतः बालघाट जिले की रहने वाली निशा बांगरे आमला के एयरोड्रम के पास अपना मकान बना रही हैं। बैतूल में डिप्टी कलेक्टर रहते हुए वे आमला विधानसभा क्षेत्र में बेहद ज्यादा सक्रिय रही थीं। इसके बाद भोपाल और छतरपुर में पदस्थ रहने के दौरान भी उनका आमला से नाता जुड़ा रहा। वो यहां आयोजित सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेती रही हैं।

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