विदिशा

अहिरवार समाज संघ ब्लॉक अध्यक्ष की अनोखी पहल: क्षेत्र में बना चर्चा का विषय

आनंदपुर डेस्क :

अहिरवार समाज संघ ब्लॉक अध्यक्ष की अनोखी पहल इस समय सिरोंज विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि जब कोई व्यक्ति शादी विवाह में जाता है तो कोई नगद राशि व्यवहार में रखता है तो कोई कीमती उपहार भेंट कर नव विवाहित जोड़े को बधाई देता है लेकिन लटेरी ब्लॉक अध्यक्ष अहिरवार समाज संघ के पहलवान सिंह प्रभाकर की एक अलग ही सोच है और वह आए दिन कुछ ऐसा नया कर जाते हैं कि पूरे क्षेत्र में उनके नाम की चर्चा होने लगती हैं।
अभी शादी विवाह का सीजन चल रहा है ऐसे में जो कुछ सामग्री उपहार ना देकर भारतीय संविधान नव विवाहित जोड़े को से रहें हैं। जिससे वह संविधान को पढ़कर अपने हक अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके।
अहिरवार समाज संघ भारत के ललटेरी ब्लॉक अध्यक्ष पहलवान सिंह प्रभाकर कहते हैं कि विवाह में आएं हुए सामान तो कोई भी भूल जाता है लेकिन हमारा देश भारतीय संविधान से चलता है और संविधान की बदौलत आज हर एक व्यक्ति स्वतंत्रता से कोई भी कार्य कर सकता है। इसी से हमारा देश चलता हैं। तो हम मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों ना भारतीय संविधान को ही उपहार स्वरूप सप्रेम भेंट किया जाए। जिससे यह नव विवाहित जोड़ा इसको पढ़कर अपने एअधिकारों के लिए जागरूक हो और दूसरों को भी अपने अधिकारों के प्रति प्रेरित करें। आज देखा जाता है कि महिलाओं को पुरुषों के बराबर के अधिकार मिले हुए हैं यह सिर्फ और सिर्फ भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संविधान से ही मिले हैं नहीं तो एक समय ऐसा भी था की भारतीय नारी को पैर की जूती के समान मापा जाता था लेकिन आज संविधान है तो वह भी पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर कामयाबी के शिखर को छू रही है।

2 साल पहले की थी शुरुआत

पहलवान सिंह प्रभाकर बताते हैं कि उन्होंने आज से 2 वर्ष पहले भारतीय संविधान देने की शुरुआत की थी जो अब उनकी आदत में आ गया है वह अब तक 20 से अधिक नव विवाहित जोड़ों को भारतीय संविधान भेंट कर चुके। नव विवाहित जोड़े को संविधान भेंट करने के लिए उन्हें 4 से 5 घंटा तक इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि लगभग एक बजें के बाद तो वर माला ही होती हैं व इसके बाद और भी अनेक रस्में पूरी होने में समय लगता हैं। साथ ही उनका उद्देश्य है कि पंचशील के सिद्धांतों का भी व्यक्ति अपने जीवन में पालन करें। इसलिए पंचशील की साड़ी भी भेंट कर रहे हैं। जिससे महिलाओं में संविधान के साथ-साथ ही पंचशील के गुण भी स्वता ही विकसित होने लगेंगे।

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