प्रदेश की राजधानी भोपाल में तब्लीगी इज्तिमा के तीसरे दिन मौलाना सईद ने सुन्नतों पर चलने का दिया संदेश; मौलाना इलियास बोले- खिदमत ही असल इस्लाम
भोपाल डेस्क :
इज्तिमा के तीसरे दिन जोहर (दोपहर) की नमाज के बाद मौलाना सईद की तकरीर हुई। उन्होंने रसूल की सुन्नतों पर चलने का संदेश दिया। कहा-अगर आप दीन की राह पर चल रहे हैं तो हुजूर की सुन्नतें (उनके तरीके) भी अपनाएं, क्योंकि इसी से आखिरत बेहतर होगी।
अगर आप सोचते हैं कि आप हक और हलाल कमाई कर रहे हैं और आपका पड़ोसी ऐसा नहीं कर रहा है तो यह आपका काम है कि आप उसे बेहतरी के रास्ते पर लाएं। ऐसा नहीं है कि आप खुद अपने आपके बारे में सोचें। आपको हर एक इंसान, हर एक मुसलमान के बारे में सोचना है। यही हमारा दीन है।
उन्होंने कहा- हमें नबी की सुन्नतों पर जिंदगी गुजारनी है। जैसे अल्लाह ने रसूल की गैब से मदद की थी, ऐसे ही अल्लाह आपकी मदद करेगा। आप समझ भी नहीं पाएंगे कि इतने बड़े-बडे़ मसलों का हल कैसे निकल गया। आप तसव्वुर भी नहीं कर पाएंगे कि यह कैसी मदद है।
उन्होंने दुआ के बाद यहां से लोगों को हर साल चार महीने दीन की राह पर लगाने की बात पर भी जोर दिया। कहा- हमें अपने नबी की तरह दीन की मेहनत करनी है, जैसी परेशानियों को उठाकर उन्होंने की थी।
आसमान पर एक दुनिया है, जिसका कोई अंत नहीं
दिल्ली मरकज से आए मौलाना मोहम्मद सआद साहब कांधलबी में अपनी तकरीर में कहा- दुनिया में जो आया है, उसे लौटकर अल्लाह के पास जाना है। आसमान पर एक दुनिया है, जिसकी जिंदगी का कोई अंत नहीं है। उस जिंदगी के लिए होने वाले फैसले हमारे दुनिया में किए गए आमाल से ही तय होने वाले हैं। इसलिए हर इंसान को अपनी जिंदगी में हर पल कुछ बेहतरी का साथ रखना चाहिए ताकि आखिरत की जिंदगी संवर सके।
मौलाना इलियास बोले- मजलूमों की खिदमत करना भी दीन
मौलाना इलियास ने अपनी तकरीर में कहा कि असल इस्लाम खिदमत (सोवा) है। तंगहाल परेशान और मजलूमों की खिदमत करना भी दीन है। दुनिया में मुसलमानों ने खिदमत की कई मिसालें पेश की हैं। आज देर शाम तक इस्लाम के कई स्कॉलर की तकरीर होंगी।
बता दें, सोमवार को दुआ के साथ भोपाल के ईंटखेड़ी में चल रहे आलमी तब्लीगी इज्तिमा का समापन हो जाएगा। समागम में अब तक 3.5 लाख से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं।
विदेशी मेहमानों की संख्या में इजाफा
आयोजन में विदेशी मेहमानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। यह संख्या अब 300 से अधिक पहुंच गई। इसमें किर्गिस्तान, मलेशिया, बांग्लादेश, इथोपिया, बर्मा (म्यांमार), श्रीलंका, सउदी अरब, कंबोडिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, सीर्रा लोन, फ्रांस, जॉर्जिया, तुर्की, आयरलैंड, जॉर्डन, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, ट्यूनिशिया, इजिप्ट आदि देशों के लोग शामिल हैं।
इज्तिमा दुआ से पहले कुछ और विदेशी जमातों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। इज्तिमा प्रबंधन ने विदेशी मेहमानों के ठहरने के इंतजाम अलग से किए हैं। इन खेमों में ट्रांसलेटर भी मौजूद हैं, जो उलेमाओं के बयान को इन अलग-अलग देशों के लोगों को उनकी भाषा में अनुवाद करके बताते हैं।
सामान गुम गया है तो यहां करे संपर्क
इज्तिमा गाह पर मौजूद बड़े मजमे में लोगों के सामान की गुमशुदगी के हालात भी बन रहे हैं। जिसको व्यवस्थित करने के लिए यहां 7 केंद्र स्थापित किए हैं। गुमशुदा सामान केंद्रों पर अब तक 150 से ज्यादा लोगों का सामान पहुंचा है। जिनको तस्दीक के बाद इनके वास्तविक मालिकों को सौंप दिया है। वॉलेंटियर्स ने बताया कि इस व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए करीब 1500 वालेंटियर्स तैनात किए गए हैं, जो पूरे क्षेत्र में सतत निगरानी रख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक मिलने वाले सामानों में सबसे ज्यादा मोबाइल फोन और घड़ियां हैं, जिन्हें लोग वजू खाना और बॉथरूम या टॉयलेट के आसपास भूल गए थे। वह हमसे संपर्क कर सकते हैं।
5 बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक है इज्तिमा
दुनिया के पांच बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक भोपाल का आलमी तब्लीगी इज्तिमा है। दुनिया भर से इसमें शामिल होने वालों की संख्या लाखों में है, जबकि आखिरी दिन बड़ी संख्या में लोग दुआ में शामिल होते हैं। दुनिया में केवल 3 देशों भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इज्तिमा होता है। इसमें शिरकत करने के लिए देश-दुनिया भर से जमातें भोपाल पहुंच गई हैं।
ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी दिख रही मुस्तैदी
जैसे-जैसे इज्तिमा में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है उसी के साथ भोपाल टॉकीज से ईंट खेड़ी की सड़क पर भी ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। जिसको लेकर करीब 4 हजार वॉलेंटियर्स भाेपाल टॉकीज से लेकर पुलिस ईंटखेड़ी तक सड़कों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट में अहम रोल निभा रहे हैं। यह सभी वॉलेंटियर्स रस्सी लगातार एक फाटक बनाकर कई पॉइंट्स पर ट्रैफिक को मैनेज कर रहे हैं।