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5 साल के मासूम की हत्या: कूलर में रस्सी से बंधा मिला मासूम का शव: मां रोते हुए बोलीं- पड़ोसी ने मेरे लाल को मार डाला

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भिंड में पांच साल के बच्चे की हत्या कर दी गई। उसका शव पड़ोसी के कूलर में मिला। उसके हाथ-पैर और गले में रस्सी बंधी थी। मासूम बुधवार दोपहर को 3.30 बजे अपनी चचेरी बहन के साथ ट्यूशन पढ़ने निकला था। शाम तक वह घर नहीं लौटा। परिजनों ने जब उसके दोस्तों ने पूछा तो उन्होंने बताया कि उसे पड़ोसी के घर जाते देखा था। परिजन जब वहां पहुंचे तो कूलर में उसका शव पड़ा मिला। हत्या के बाद पड़ोसी परिवार समेत फरार है।

वारदात मछंड कस्बे की है। यहां सुशील त्रिपाठी परिवार के साथ रहते हैं। वे मेडिकल फील्ड में काम करते हैं। उनका 5 साल का बेटा था आकाश त्रिपाठी। वह पहली कक्षा में पढ़ता था। बुधवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वह ट्यूशन जाने के लिए घर से निकला था। उसके घर से 50 फीट दूर चचेरी बहन रहती है। दोनों साथ में कोचिंग गए थे। साढ़े चार बजे बहन तो वापस आ गई, लेकिन वह नहीं लौटा। परिजनों ने सोचा कि कहीं खेलने रह गया होगा। जब वह काफी देर तक नहीं लौटा, तो परिजनों ने तलाश शुरू की।

दूसरी मंजिल पर बने कमरे में मिली लाश
मेरा बेटा गुल्लू (आकाश) पहली क्लास में पढ़ता था। पड़ोस में रहने वाले संतोष चौरसिया के पास चांदनी नाम की लड़की के यहां आकाश ट्यूशन पढ़ने जाता था। बुधवार भी वह बहन के साथ पढ़ने गया। उसकी छुट्‌टी हो गई 5:30 बजे। बच्ची घर आई, तो उससे पूछा कि भैया कहां है। उसने बताया कि टीचर ने 15 मिनट पहले ही उसकी छुट्‌टी कर दी, हमारी बाद में की। बावजूद, काफी देर तक गुल्लू नहीं आया। फिर हमने उसे ढूंढा। पड़ोस में रहने वाली अनीता चौरसिया मिली। उसने बताया कि कुरकुरे लेकर किसी के साथ गया है। देखा तो वहां नहीं मिला। अनीता ने फिर दूसरी जगह जाने का कहा। गुमराह करती रही।

एक बच्चे ने संतोष के घर में घुसते देखा था। बड़ा लड़का पकड़कर ले गया। उसने बताया, तो हम अनीता के घर पहुंचे। पहले तो उसने ना-नुकुर की। कहा- हमारे यहां नहीं है। फिर कहा कि यहां से चला गया। हमने घर में घुसकर तलाशी ली। अनीता का बड़ा बेटा उदित दूसरी मंजिल की तरफ भागा। हम भी उसकी पीछे दौड़े। लड़के ने कहा कि कमरे का ताला लगा है। हमने जबर्दस्ती ताला खुलवाया। कमरे में अंधेरा था। लाइट चालू करने के लिए कहा तो बोला कि इसमें लाइट नहीं है। मैंने अपने मोबाइल की टॉर्च चालू की। चारों तरफ देखा।

बड़ा लड़का कूलर के सामने खड़ा हो गया। उसे हटने के लिए कहा, तो वह लड़ने को तैयार हो गया। उसे हटाया, तो कूलर में आगे से टॉर्च जलाकर देखा। अंदर गुल्लू का शव पड़ा था। गले में रस्सी बंधी थी। हाथ-पैर भी रस्सी से बंधे थे। हम मोबाइल पटककर उसे उठाकर ले गए। रात में करीब 2 बजे थाने में केस दर्ज किया गया। संतोष चौरसिया ने परिवार वालों के साथ मिलकर बेटे का मर्डर किया है। संतोष के लड़के ने चोरी भी की थी। हमारी तो उनसे कोई दुश्मनी नहीं है।

(जैसा आकाश की मां अनामिका ने बताया)

मिन्नतों के बाद पैदा हुआ था आकाश
स्थानीय लोगों के मुताबिक आकाश अपने परिवार का अकेला वारिस था। सुशील त्रिपाठी के बड़े भाई छिद्दन तिवारी ने शादी नहीं की। वह साधु-संतों की तरह जीवन यापन करते हैं। दूसरे नंबर पर सुशील हैं। सबसे छोटा नवीन है। नवीन को एक बेटी है। सुशील की शादी करीब 18 साल पहले हुई थी। सुशील को पहले बेटी हुई। इसके बाद कोई संतान नहीं हुई। बेटे के जन्म के लिए सुशील और उनकी पत्नी ने कई मंदिरों पर मत्था टेका। उन्होंने कई मन्नतें भी मांगी। आखिरकार करीब 13 साल बाद आकाश का जन्म हुआ। यही कारण है कि आकाश सभी का लाडला था।

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