विदिशा

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना: आखिरी दिन 30 अप्रैल तक 2.70 लाख से ज्यादा बहनों के आवेदन जमा

विदिशा डेस्क :

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पंजीयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अंतिम तारीख 30 अप्रैल तक जिले में करीब पौने तीन लाख महिला हितग्राहियों के आवेदन जमा हो चुके थे। अब इन पात्रताधारी हितग्राहियों की अनंतिम सूची का प्रकाशन सोमवार किया जाएगा।

अनंतिम सूची के संबंध में दावे आपत्तियां 15 मई तक ली जाएंगी। पंचायत भवनों के सूचना पटल पर, नगरीय निकाय क्षेत्रों के वार्डों में स्थानीय हितग्राहियों की अनंतिम चयन सूची चस्पा की जाएगी। पोर्टल या एप के माध्यम से आम लोग आपत्तियां लगा सकेंगे।

आपत्तियां दर्ज करने से पहले आपत्तियों से संबंधित दस्तावेज तैयार रखना होंगे। एक दिन में एक मोबाइल नम्बर से अधिकतम पांच आपत्तियां ही दर्ज की जा सकेंगी। समिति द्वारा आपत्तियों के निराकरण के बाद पोर्टल पर आपत्तिकर्ता अपने सत्यापित मोबाइल नंबर से लॉगिंग कर आपत्ति की स्थिति देख सकेंगे। केवल महिला आवेदक की पात्रता संबंधी आपत्तियां ही दर्ज की जा सकेंगी।

जिले में सबसे ज्यादा 40207 आवेदन बासौदा में जमा
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत विदिशा जिले में 30 अप्रैल तक कुल 270324 महिला हितग्राहियों का पंजीयन हो चुका है। जनपदवार जानकारी में बासौदा में 40207, ग्यारसपुर में 24243, कुरवाई में 27304, लटेरी में 25376, नटेरन में 32635, सिरोंज में 36073 और विदिशा जनपद पंचायत में 29109 पंजीयन हुए हैं। नगरीय निकायों में नगरपालिका सिरोंज में 8714, विदिशा में 25982, बासौदा में 12252, नगर परिषद कुरवाई में 3033, लटेरी में 3336 और शमशाबाद नगर परिषद में 2060 पंजीयन हुए हैं।

लाड़ली लक्ष्मी दिवस व उत्सव कल, बालिकाओं को बुलाने घर-घर बांटेंगे पीले चावल
जिले में दो मई को लाड़ली लक्ष्मी दिवस को उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। नगरीय निकाय व ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यक्रम होंगे। इन आयोजनों में कन्या पूजन, अपराजिता के तहत मार्शल आर्ट का प्रदर्शन, उत्कृष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाली बालिकाओं का सम्मान, लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायतों का सम्मान, लाड़ली लक्ष्मी बालिका को आश्वासन प्रमाण-पत्र का वितरण होगा।

इसके अलावा लाड़ली बालिकाओं द्वारा प्रतिभा का प्रदर्शन के तहत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। खास बात यह है कि इन आयोजनों में लाड़ली बालिकाओं को आमंत्रित करने के लिए जनप्रतिनिधि, अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षकों को घर जाकर पीले चावल देने के लिए कहा गया है।

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