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बंजर हो चुके पहाड़ को 3 दोस्तों ने 7 साल में दी नई जिंदगी: खनन भी रुकवाया

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मध्यप्रदेश का छोटा सा शहर है देवास। यहां की शंकरगढ़ पहाड़ी को खनन माफियाओं ने जर्जर कर दिया था। स्थानीय नागरिक के आवेदन पर एनजीटी ने सितंबर 2015 में खनन पर रोक लगाई थी। पर तब तक आधी पहाड़ी खत्म हो चुकी थी। 2016 में तीन दोस्तों ने इस पहाड़ी को नई जिंदगी देने का फैसला लिया। आज समूह में 700 से ज्यादा लोग हैं।

इसे ग्रीन आर्मी के तौर पर जानते हैं। पहली बार 40 पौधे रोपे गए थे। दो साल तक तलहटी से पानी लाकर इन्हें सींचा। लगन देख तत्कालीन कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने वन विभाग की मदद से जोड़ा। शंकरगढ़ पहाड़ी अब पर्यटन स्थल बन गया है। यहां कई कार्यक्रम होने लगे हैं।

राजस्थान के 70 युवाओं ने अपने खर्च से बंजर भूमि को हरा कर दिया: सूरजगढ़ पंचायत के लोटिया गांव में वर्षों से बंजर पड़ी भूमि को युवाओं की ऊर्जा ने हरा-भरा कर दिया। दस युवाओं ने यह पहल की थी। आज 70 से ज्यादा लोग साथ जुड़ चुके हैं। बीते पांच साल में इन्होंने 20 एकड़ जमीन पर पांच हजार से ज्यादा पौधे रोप दिए हैं।

इस हरियाली अमावस्या पर करीब की बंजर जमीन पर भी पौधे लगाने की शुरुआत कर दी है। गांव के बच्चे और युवा मिलकर ही इन पौधों की देखभाल करते हैं। युवाओं का जज्बा देखकर गांव के लाेग भी पहल से जुड़ने लगे हैं।

पौधों के लिए युवाओं काे दूर से बाल्टी व कैन से पानी लाता देख गांव के ही रामसिंह यादव ने बोरिंग करवा दिया है। इससे पानी के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। टीम अब गांव के चारों ओर पड़ी बंजर जमीन को हरा-भरा बनाने की योजना तैयार कर रही है।

झुंझुनूं – लोटिया गांव में 10 युवाओं ने अपने खर्च से बंजर जमीन की तस्वीर बदल दी। 700 लोग पहल से जुड़े हैं।

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