दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति बोले-कुछ लोग देखते हैं देश को कलंकित कैसे करें: धनखड़ ने कहा-भारत में अच्छा होता है तो इनका हाजमा खराब हो जाता है
भोपाल डेस्क :
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत में जब भी कुछ अच्छा होता है तो कई लोगों का हाजमा खराब हो जाता है। ऐसे लोग मौका देखते हैं कि हमारे भारत और यहां की संस्थाओं को कैसे कलंकित करें। किसी और देश का नागरिक ऐसा नहीं करता है।
धनखड़ ने यह बात शुक्रवार को भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में कही। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘देश के विकास को राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। विकास की चर्चा का ये मतलब नहीं है कि किसी राजनीतिक दल की तारीफ करना है। विकास देश का हो रहा है। उसका लाभ सभी को मिलता है। पत्रकार का काम किसी राजनीतिक दल का हितकारी होना नहीं होता। उसका काम कोई एजेंडा सेट करना नहीं होता। प्रेस की स्वतंत्रता तभी हो सकती है, जब वह सकारात्मक हो।’
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की जितनी आजादी भारत में है, उतनी किसी और देश में नहीं है। महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ। चंद्रयान-3 चांद पर पहुंच गया। दुनिया ने हमारी तारीफ की। पत्रकारों को गहराई में जाकर ये देखना चाहिए इसरो ने ये सफलता कैसे हासिल की।
भारत दुनिया की पांचवीं आर्थिक महाशक्ति बना
दीक्षांत समारोह में उप राष्ट्रपति ने कहा कि आज से 10 साल पीछे का दृश्य देखिए। हमारे सामने एक चित्र था। एक दौर था। दुनिया में पांच कमजोर देश थे। उनको ‘फ्रेजाइल फाइव’ कहा जाता था। वो दुनिया पर बोझ बने हुए थे। ये देश थे- साउथ अफ्रीका, टर्की, ब्राजील, इंडोनेशिया और अपना महान भारत, लेकिन सितंबर 2022 में भारत दुनिया की पांचवीं आर्थिक महाशक्ति बना।
अभी हाल ही में जी-20 सम्मेलन हुआ। इसमें मुझे कई राष्ट्र के अध्यक्षों से मिलने का मौका मिला। कुछ बातें ऐसी सामने आईं, जिन्हें पत्रकारों को फ्रंट में रखना चाहिए। कुरीतियों को दूर करने में आपका बहुत बड़ा योगदान है। हमारे संविधान में मौलिक अधिकार के साथ मौलिक दायित्व भी हैं। मीडिया अगर ठान ले तो देश की सड़कों पर अनुशासन दिखेगा। आपकी ताकत बहुत ज्यादा है, बस समझने की आवश्यकता है। हमारे पत्रकार प्रतिभाशाली हैं।
खबर वो है, जो लोग छुपाना चाहते हैं। 80 के दशक में खोजी पत्रकारिता थी, जो अब खत्म हो गई है। कई विदेशी चैनलों पर डिबेट और डिस्कशन देखकर ऐसा लगता है कि सुनते-देखते रहो, लेकिन अपने यहां का हाल देखो.. मेरे से ज्यादा आप जानते हैं। कितनी अनैतिक भाषा का उपयोग होता है।
जड़ दो चांदी या सोने में, आईना झूठ बोलता नहीं
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने एक गजल का उल्लेख करते हुए कहा, ‘जड़ दो चांदी या सोने में, आईना झूठ बोलता नहीं।’ इससे पहले उप राष्ट्रपति ने बिशनखेड़ी स्थित विश्वविद्यालय के नवीन परिसर ‘माखनपुरम्’ का लोकार्पण किया। दीक्षांत समारोह में जून 2018 से दिसंबर 2022 के उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि दो कमरों से शुरू हुए इस विश्वविद्यालय के अब भोपाल समेत पांच परिसर हैं। 1600 अध्ययन केंद्र हैं, जिनमें लगभग दो लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। बिशनखेड़ी के पास पचास एकड़ में विश्वविद्यालय का माखनपुरम् परिसर बना है। इसमें दो अकादमिक भवन- तक्षशिला और विक्रमशिला है।
प्रो. सुरेश ने कहा कि मध्यप्रदेश फिल्म फ्रेंडली राज्य के रूप में भी स्थापित हो चुका है। भोपाल में कई फिल्मों एवं धारावाहिकों की लगातार शूटिंग होती रहती है। यहां बहुत प्रतिभाशाली युवा एवं कलाकार हैं। इसी साल विश्वविद्यालय द्वारा सिनेमा अध्ययन विभाग शुरू किया गया है।
जड़ दो चांदी या सोने में, आईना झूठ बोलता नहीं
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने एक गजल का उल्लेख करते हुए कहा, ‘जड़ दो चांदी या सोने में, आईना झूठ बोलता नहीं।’ इससे पहले उप राष्ट्रपति ने बिशनखेड़ी स्थित विश्वविद्यालय के नवीन परिसर ‘माखनपुरम्’ का लोकार्पण किया। दीक्षांत समारोह में जून 2018 से दिसंबर 2022 के उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि दो कमरों से शुरू हुए इस विश्वविद्यालय के अब भोपाल समेत पांच परिसर हैं। 1600 अध्ययन केंद्र हैं, जिनमें लगभग दो लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। बिशनखेड़ी के पास पचास एकड़ में विश्वविद्यालय का माखनपुरम् परिसर बना है। इसमें दो अकादमिक भवन- तक्षशिला और विक्रमशिला है।
प्रो. सुरेश ने कहा कि मध्यप्रदेश फिल्म फ्रेंडली राज्य के रूप में भी स्थापित हो चुका है। भोपाल में कई फिल्मों एवं धारावाहिकों की लगातार शूटिंग होती रहती है। यहां बहुत प्रतिभाशाली युवा एवं कलाकार हैं। इसी साल विश्वविद्यालय द्वारा सिनेमा अध्ययन विभाग शुरू किया गया है।