राजस्थान

नाट्य प्रस्तुति ने बटोरी तालियां, प्रस्तुति ने चेहरे पर लाई मुस्कान: श्रीनिवास भणगे लिखित नाटक का रामसहाय पारीक ने किया निर्देशन

जयपुर डेस्क :

ललित कला संगम की ओर से रवीन्द्र मंच पर नाटक तुरुप चाल का सशक्त मंचन किया गया। नाटक की कहानी में एक दबंग पत्नी ( शांति देवी ) व उसके दब्बू पति (अमर सिंह ) के बीच उत्पन्न विषमताओं को बहुत मनोरंजक ढंग से पेश किया गया । पत्नी के स्वभाव से परेशान पति उसे रास्ते पर लाने के लिए अपने ही पते पर एक झूठा प्रेम पत्र पोस्ट करवाता है। जिसमें उसका पुत्र श्याम इस शर्त पर साथ देता है कि उसे उसकी प्रेमिका ज्योत्सना से शादी की इजाजत मिल जाए। पत्र आने पर शांति देवी में अपेक्षित परिवर्तन आ भी जाता है, लेकिन तभी कहानी में एक रहस्यात्मक मोड़ आता है और माया ठाकुर नाम की एक लड़की (काल्पनिक प्रेम पत्र भी इसी नाम से लिखा गया था ) वहां आ जाती है।

इसके बाद क्राइम ब्रांच का एक इंस्पेक्टर अनोखे लाल अखबार में छपी एक खबर के आधार पर माया ठाकुर नाम की एक ठग लड़की की छान बीन के लिए वहां आ जाता है । बहुत सारी गलत फहमियों और उथल पुथल के बाद आखिर घर के मुखिया दादाजी कर्नल शेर सिंह गाड़ी को पटरी पर लाते है और नाटक एक मजेदार अंत तक पहुंचता है। नाटक में जयपुर रंगकर्म के वरिष्ठ और अनुभवी कलाकार रामसहाय पारीक, चंचल , कुशलेश वर्मा ,सुदर्शनी माथुर , रिचा पालीवाल ,राजीव अंकित और दिलीप सिंह नरुका ने अभिनय किया। प्रकाश संचालन धनेश वर्मा और ध्वनि प्रभाव पवन शर्मा ने किया I श्रीनिवास भणगे लिखित इस नाटक का निर्देशन राम सहाय पारीक ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार अंजलि सराफ की पेंटिंग्स का भी प्रदर्शन किया गया, जिसे दर्शकों ने सराहा ।

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