इंदौर

शर्त पर किन्नर ने परिवार को वापस लौटाई बिल्ली: इंदौर के तीन थानों में दर्ज हैं FIR

इंदौर डेस्क :

इंदौर के द्वारकापुरी में नेक मांगने गए किन्नर द्वारा मनमाने पैसे नहीं मिलने पर घर की पालतू बिल्ली के अपहरण मामले में किन्नर के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि जिस बाला किन्नर पर बिल्ली ले जाने का आरोप है वह दो नंबर विधानसभा से विधायक रमेश मेंदोला के खिलाफ चुनाव लड़ चुका है।

इतना ही नहीं उसने एक पार्षद के सामने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फार्म भरा था। इस मामले में उसका दो नंबर के एक बाहुबली से आमना-सामना भी हो गया था। आरोपी किन्नर बाला पर तीन थानों में चार अलग-अलग मामले पहले से दर्ज हैं। नंदलालपुरा में रहने वाले किन्नर भी बाला पर नकली किन्नर होने का आरोप लगा चुके हैं।

यहां पढ़िए किस शर्त पर किन्नर ने परिवार को वापस लौटाई बिल्ली…

बुधवार को आरोपी किन्नर ने अपनी शर्त पर पुलिस को बिल्ली वापस की। जिसमें परिवार से थाने में लिखवाया गया कि वह मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहता। यहां बिल्ली देने के पहले उसने शर्त रखी की उसका इस मामले में नाम सामने नहीं आना चाहिए। थाने पर एक युवक बिल्ली लेकर भेजा।

इसके बाद पुलिस ने परिवार को बिल्ली सौंपते हुए किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आवेदन लिखवाया और बिल्ली दे दी। हालांकि बिल्ली की तबीयत बिगड़ चुकी है। उसे 104 डिग्री के लगभग बुखार है। उसका उपचार कराया जा रहा है।

अब जान लीजिए क्या है पूरा मामला

मामला सूर्यदेव नगर का है। यहां रहने वाली रूचिका गडकर ने बताया कि उनकी बहन उज्जैन में रहती है। बहन ने उज्जैन में कुछ दिन पहले बेटे को जन्म दिया था। इसके बाद उसे मुहूर्त देखकर इंदौर ले आए थे। सोमवार को किन्नर नेग मांगने घर पहुंचे। पहले तो काफी देर तक ढोलक बजाया, गीत गाए और नाच गाना भी किया।

जब नेग की बात आई तो वे 21 हजार रुपए मांगने लगे। इनकार करने पर बहस करने लगे। किन्नरों ने विवाद भी किया। आखिर में परिवार ने ढाई हजार रुपए का नेग दिया। लेकिन किन्नर इस पर नहीं माने। रूचिका के अनुसार उन्होंने पेटीएम से पेमेंट किया। जाते समय वे ढाई हजार रुपए के साथ घर की पालतू बिल्ली को उठाकर ले गए।

विदेशी नस्ल की इस बिल्ली को परिवार ने 20 हजार रुपए में खरीदा था। परिवार ने इस मामले में पुलिस से शिकायत कर दी। परिवार ने किन्नरों के वीडियो औ फोटो भी पुलिस को सौंपे थे।

अब पढ़िए किन्नर बाला का आपराधिक और राजनीतिक सफर…

रमेश मेंदोला के खिलाफ चुनाव लड़ा और हारा
आरोपी किन्नर बाला बिहारी बेशवारा ने 2018 में रमेश मेंदोला के सामने दो नंबर विधानसभा से चुनाव लड़ा। इस दौरान वह काफी बड़े मार्जिन से चुनाव हारा था। बाला ने उस समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में खुद को दसवीं पास बताया था। वहीं दो लाख रुपए की संपत्ति और एक लाख की देनदारियां भी बताई थी।

उसने अपनी सालाना आय करीब 3 लाख रुपए बताई थी। बाला पहले बैलगाड़ी से माल ढ़ोने और मजदूरी करता था। अपने चुनावी पर्चे में उसने इन लोगों के लिए ही आवाज उठाने की बात भी कही थी। बाला ने घर की और आर्थिक मजबूरी के चलते किन्नर बनने की बात स्वीकारी थी।

अब तक तीन थानों में अपराध
बाला ने 2018 के चुनाव नामांकन फॉर्म में अपने ऊपर एक अपराध दर्ज होने की जानकारी दी थी। यह प्रकरण परदेशीपुरा थाने में दर्ज हुआ था। इसके बाद उस पर धमकी, मारपीट और अवैध वसूली को लेकर परदेशी पुरा, राजेन्द्र नगर और द्वारकापुरी थानों में केस दर्ज हो चुके हैं। बाला पर परदेशीपुरा में 2018 में दो बार और 2020 में राजेन्द्र नगर और द्वारकापुरी में एफआईआर हुई थी।

नंदलाल पुरा के किन्नरों से चल रहा विवाद
नंदलालपुरा के किन्नर पायल गुरू ने बाला को लेकर कई बार आरोप लगाए। अभी भी उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह फर्जी तरीके से काम करता है। वह असली किन्नर नहीं है। उसने आपरेशन कराया और फिर किन्नर बन गया। नेक मांगने को लेकर किन्नर गुटों का कई बार बाला से विवाद भी हो चुका है। करीब पांच साल पहले एमजी रोड थाना क्षेत्र में दोनों गुट आमने-सामने भी हो गए थे।

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