भोपाल

बनेगा देश का पहला साइंटिस्ट मेमोरियल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद की कार्य-समिति की हुई 61वीं बैठक में अनेक महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली। 

प्रदेश की नई विज्ञान और प्रौद्योगिकी पॉलिसी शीघ्र होगी घोषित
विज्ञान पर्यटन और साइंस सिटी के अलावा बनेंगे रीजनल साइंस सेंटर

भोपाल डेस्क : 

प्रदेश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिक नीति शीघ्र ही घोषित की जाएगी तथा विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा देते हुए साइंस सिटी और संभाग स्तर पर रीजनल साइंस सेंटर के निर्माण पर फोकस किया जाए। मंत्री सखलेचा सोमवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की कार्य समिति की 61वीं बैठक की अध्यक्षता कर संबोधित कर समय कहा। प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निकुंज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। बैठक में अनेक महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। 

देश का प्रथम साइंटिस्ट मेमोरियल उज्जैन में बनेगा

कार्य-समिति में तय किया गया है कि विज्ञान के प्रसार में अग्रणी और प्राचीन उज्जैन नगर में देश के पहले साइंटिस्ट मेमोरियल की स्थापना की जाएगी। बताया गया कि युवा वैज्ञानिकों की एक प्रतियोगिता में इस तरह का प्रस्ताव आया है। परिषद के महानिदेशक ने बताया कि देश में साइंस मेमोरियल तो हैं लेकिन उज्जैन के तारामंडल में साइंटिस्ट मेमोरियल बनाने का यह पहला प्रकरण है। परिषद ने प्रस्ताव पर तत्काल कार्य प्रारंभ करने की सहमति दी। इसी तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान पर्यटन विकसित करने पर भी चर्चा की गई। जबलपुर और उज्जैन में बनने वाले रीजनल साइंस सेंटर के कार्यों के अनुमोदन के दौरान तय किया गया है कि हर 300 किलोमीटर पर साइंस सेंटर और सम्भाग स्तर पर रीजनल साइंस सेंटर बनाये जाएंगे।

हर जिले में ड्रोन ट्रेनिंग

प्रदेश के सभी जिलों में ड्रोन ट्रेनिंग के इंतजाम किए जाएँ और सभी जिलों में एक जैसी ट्रेनिंग के स्थान पर ड्रोन के अलग-अलग तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाए। महानिदेशक ने बताया कि प्रदेश के जिलों को ड्रोन ट्रेनिंग के लिए प्रारंभिक तौर पर 10 -10 लाख रूपये उपलब्ध कराए गए हैं। मंत्री सखलेचा ने कहा कि तकनीक आधारित रिसर्च का फायदा युवाओं को दिलाना सुनिश्चित करें। 

मंत्री सखलेचा ने जिलों के डिजिटल एटलस बनाने के की कार्य-योजना की समीक्षा कर निर्देश दिए हैं कि ऐसे एटलस तो पूरे देश में होंगे लेकिन मध्यप्रदेश के एटलस में जिले के महत्वपूर्ण प्रोडक्ट और प्रोजेक्ट को शामिल करें। इससे दुनिया से कोई भी यह जान सके कि किस उत्पाद की कहाँ उपलब्धता है। उन्होंने इस कार्य में कॉलेज के विज्ञान विद्यार्थियों का सहयोग लेने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कृत करने के निर्देश भी दिए। 

  वैज्ञानिकों का सलाहकार बोर्ड बनेगा

मंत्री ने कहा कि देश के ख्यातिलब्ध 15 से 20 वैज्ञानिक और विशेषज्ञों का एक सलाहकार बोर्ड भी बनाया जाए। यह बोर्ड हर दो माह में रिसर्च और तकनीकी आधारित ज्ञान को साझा करेगा, जो प्रदेश  में विज्ञान गतिविधियों के प्रसार में सहायक होगा। सखलेचा ने कहा कि युवा और नव उद्यमियों को विज्ञान और तकनीकी का लाभ सुनिश्चित करने के लिए माह में 2 बार सेमिनार और वेबिनार किए जाएँ। उन्होंने कहा कि इस सबके लिए जरूरी है कि विज्ञान शिक्षकों को भी अभियान से जोड़ा जाए। 

प्राकृतिक खेती और एग्री बिजनेस में विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद करेगा नवाचार

समिति में तय किया गया कि बाँस, केला और नारियल से फाइबर बनाने की तकनीक पर काम किया जाएगा। परंपरागत फर्नीचर के स्थान पर मानव की जरूरत के मान से फर्नीचर उत्पादन में वैज्ञानिक और तकनीक आधारित बदलाव लाए जायेंगे। साथ ही हेल्थ डाटा बेस तैयार करने पर भी परिषद  कार्य करेगी जिससे स्वास्थ्य बीमा पर होने वाले व्यय को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सके। 

परिषद द्वारा हर वर्ष युवा वैज्ञानिकों को दिए जाने वाली कनिष्ठ और वरिष्ठ स्तर की शोध अध्येतावृति को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसमें क्रमश: 5 और 10 हजार रूपये की वृद्धि की गई है। मंत्री सखलेचा ने परिषद द्वारा स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों और एनजीओ को दिए जाने वाले अनुदान को वास्तविक बनाने के निर्देश दिए। कार्य-समिति में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न नवीन आयामों से सतत रूप से सभी विभागों और मंत्रियों को अवगत कराने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई। यह भी तय किया गया है कि सभी विभागों की संरचना के दृष्टिगत अलग अलग माड्यूल बनाया जाये। बैठक में परिषद में कार्यरत परियोजना अमले की फैलोशिप में वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। संभाग और जिला स्तर पर विज्ञान फिल्मों के विकास और निर्माण के साथ ही विज्ञान फिल्म फेस्टीवल किए जाने पर भी निर्णय लिया गया। परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी, वित्त, लोक निर्माण और उद्योग विभाग के अधिकारी, लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि, वैज्ञानिक सहित सदस्य उपस्थित थे।

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