जयपुर

जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक जल जीवन मिशन के कार्य युद्ध स्तर पर हों ः मुख्यमंत्री – राज्य में मिशन पर अब तक 10,247 करोड़ रूपये खर्च – लक्ष्य की 99 प्रतिशत स्वीकृतियां जारी

जयपुर डेस्क :

प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और छितराई बसावट के बावजूद राज्य सरकार जल जीवन मिशन के कार्यों को पूरा करने में कोई कमी नहीं रख रही है। पेयजल की समस्या का समाधान करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से निरंतर कार्य हो रहे हैं। उन्होंने मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इससे संबंधित पेयजल परियोजनाओं का कार्य युद्ध स्तर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों में गुणवत्ता रखते हुए स्थायी जल स्त्रोतों का विकास सुनिश्चित किया जाए, ताकि भविष्य में पेयजल उपलब्ध कराने में किसी तरह की समस्या नहीं आए। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार देर शाम को मुख्यमंत्री निवास पर जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन एक महत्वपूर्ण योजना है। हमें मिलकर राजस्थान को जल जीवन मिशन में अग्रणी राज्य बनाना है। संबंधित विभाग और अधिकारी मिशन के अंर्तगत संचालित विभिन्न कार्य को गति देकर निर्धारित समयावधि में पूर्ण करें, ताकि गांव-ढ़ाणी तक नल से जल मिल सके।

सफलता के लिए ईआरसीपी बेहद अहम-

गहलोत ने कहा कि प्रदेश के पूर्वी भाग में पानी की विकट समस्या हैं। यहां जल जीवन मिशन के मापदंडों के अनुसार 55 लीटर पेयजल प्रति व्यक्ति प्रति दिन उपलब्ध कराने के लिए पूर्वी राजस्थान की जीवनदायिनी योजना ईआरसीपी बेहद अहम है। उन्होंने 13 जिलों में नल कनेक्शन देने के लिए केंद्र से ईआरसीपी को जल्द राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित कराने का आग्रह किया, ताकि जल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

केंद्र 90ः10 के तहत सहायता और समय-सीमा बढ़ाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में देश का 10 प्रतिशत भू-भाग है, जबकि देश का केवल 1 प्रतिशत पानी ही उपलब्ध है। रेगिस्तानी एवं मरूस्थलीय क्षेत्र होने के साथ ही सतही एवं भू-जल की भी कमी है। गांव-ढाणियों के बीच दूरी अधिक होने और विषम भौगोलिक परिस्थितियों से घर-घर पेयजल उपलब्ध करवाने में लागत अन्य राज्यों से कई गुना ज्यादा आती है। कुछ परिस्थितियों में तो प्रति कनेक्शन लागत 1 लाख रूपये से भी अधिक है। इसे देखते हुए प्रदेश को भी जल जीवन मिशन में 90ः10 के तहत सहायता उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि रूस तथा यूक्रेन के युद्ध के कारण कई वस्तुओं के दाम में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इससे क्रियान्वयन में भी कठिनाइयां आई है। इस कारण केंद्र सरकार मिशन की समय-सीमा को बढ़ाए, जिससे मिशन का लाभ हर परिवार को मिल सके।

मिशन पर अब तक 10,247 करोड़ रूपये खर्च

बैठक में बताया गया कि जल जीवन मिशन में वर्ष 2019 से अब तक राज्य सरकार द्वारा 10,247 करोड़ रूपये व्यय कर लगभग 30 लाख परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है। मिशन के अन्तर्गत राज्य में अब तक 39 हजार से भी अधिक गांवों के वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं, जो कि मिशन के कुल लक्षय का 99 प्रतिशत है। श्री गहलोत ने कहा कि यह स्वीकृतियां जारी होना अच्छा संकेत है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मिशन की अवधि को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने के लिए अपील की।

बैठक में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग डॉ. सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन विभाग शिखर अग्रवाल, जल जीवन मिशन के प्रबंध निदेशक अविचल चतुर्वेदी, मुख्य अभियंता जल जीवन मिशन आर.के. मीणा तथा मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग दिनेश गोयल सहित विभाग के अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में शासन सचिव पंचायतीराज विभाग नवीन जैन, विभाग के मुख्य अभियंता (तकनीकी) डी.के. गौड़ तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी सहित अन्य उच्चाधिकारी वीसी के माध्यम से उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!