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इंदौर में मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारी तेज: 24 दिन का काम 10 दिन में करना है पूरा, 25 इंजीनियर की टीम जुटी, 18 घंटे रोज करेगी काम

इंदौर डेस्क :

मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारी तेजी से चल रही है। शुक्रवार को गांधीनगर ​डिपो के मेंटेनेंस यार्ड में एल्सटॉम व मप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीमें अपने-अपने मोर्चों पर पहुंच गईं। सबसे पहले तीनों कोच की पॉलिथीन हटाकर इन्हें यार्ड में अलाइन किया। इसके बाद शुरू हुआ तीनों कोच के तार जोड़ने का सिलसिला। पीले रंग की मेट्रो के कोच की बॉडी चमचमाते स्टील से बनी है। यह पूरी तरह रस्ट प्रूफ व सुरक्षित पॉलिश से लैस है।

कोच जोड़ने में ही सबसे ज्यादा समय लगेगा

कड़ी सुरक्षा के साथ कोच कनेक्ट करने का काम कर रहे इंजीनियर बताते हैं, सबसे पहले कोच के इलेक्ट्रिक व ब्रेकिंग सिस्टम को जोड़ना शुरू किया है। इसके बाद ऑपरेशन, एआई और सिग्नल सिस्टम का काम शुरू होगा। तीनों कोच को जोड़ने में ही समय लगेगा।

इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्राॉनिक्स और सिग्नल प्रणाली के बीच समन्वय करके यह काम करना होता है। प्रयास कर रहे हैं कि 10 सितंबर तक तकनीकी काम पूरे हो जाएं। ट्रायल ड्राइवर के साथ होगा। ऑटोमैटिक संचालन सिग्नल सिस्टम बनने के बाद किया जाएगा। इंदौर मेट्रो ड्राइवर लेस तो है ही, इसके फंक्शन ऑटोमैटिक होंगे। संचालन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा।

तय समय पर ट्रायल के लिए रोज 18 घंटे चलेगा तकनीकी काम

  • तीन कोच की मेट्रो में इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमैटिक सर्किट को पूरा करने का जो काम आम तौर पर 24 दिन में होता है, इंदौर में वही काम 10 दिन में करेंगे। इसके लिए 25 इंजीनियर्स की टीम 8 की बजाय 18 घंटे रोज काम करेगी।
  • साइबर अटैक व हैकिंग से भी सुरक्षित बनाया है।
  • इस मॉडल में ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम है, ​जो पूरे ट्रैक की निगरानी करेगा। किसी भी तरह का हर्डल और तकनीकी खराबी आने पर अलर्ट भी देगा।
  • ट्रेन पूरी तरह एसी है। दोनों ओर 4-4 गेट हैं। यह सेंसर से बंद व चालू होते हैं।

(जैसा मेट्रो के सिस्टम डायरेक्टर शोभित टंडन ने बताया)

तीन स्टेशन टीसीएस, बड़ा बांगड़दा, गांधीनगर को ही कर रहे तैयार

प्रायोरिटी कॉरिडोर पर काम तेजी से चल रहा है। टीसीएस स्टेशन से लेकर डिपो तक सिग्नल सिस्टम, पॉवर सप्लाय नेटवर्क, स्टेशन पर प्री कास्ट छत डालने का काम जारी है। संचालन के लिए बिजली सप्लाय सेंट्रलाइज्ड होगी। इसके लिए पॉवर हाउस डिपो में ही बनाया है।

यहां से ट्रैक पर लगी एल्युमिनियम की थर्ड रेल में बिजली सप्लाय होगी। संचालन भी डिपो से ही होगा। इसके लिए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बन रहा है। यहीं से मेट्रो को निर्देश दिए जाएंगे। स्टेशन पर एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं। अफसरों के अनुसार ट्रायल रन के लिए सभी स्टेशन की जरूरत नहीं है। इसलिए तीन स्टेशन टीसीएस, बड़ा बांगड़दा, गांधीनगर को तैयार कर रहे हैं।

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