MP विधानसभा चुनाव 2023: बीजेपी की सोच- 8 दिग्गज 43 सीटों पर डालेंगे असर; सच- 6 दिग्गजों की अपनी सीट ही चुनौती

भोपाल डेस्क :
भाजपा ने कांग्रेस से पहले सूची जारी कर सबको चौंका जरूर दिया है। कई सीटों पर केंद्रीय मंत्री व सांसद उतारे हैं। हालांकि, इसी ने दिग्गजों की भी चिंता बढ़ा दी है। 79 में से 76 सीटों पर अभी कांग्रेस के विधायक हैं। सिर्फ 3 सीटों सीधी, मैहर और नरसिंहपुर से भाजपा जीती है। यह रीती पाठक, प्रहलाद पटेल, राव उदयप्रताप का क्षेत्र है।
भाजपा मानती है कि 3 केंद्रीय मंत्रियों, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और 4 सांसदों से 43 सीटों पर असर होगा। सूत्र बता रहे हैं कि 6 नेता खुद की सीटों पर घिर सकते हैं। दिमनी से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर बोझ ज्यादा, क्योंकि मुरैना की पूरी 6 सीटें 2018 में कांग्रेस जीती थी। तोमर खुद की सीट पर घूमेंगे या मुरैना की जिम्मेदारी संभालेंगे।
हालांकि, मुरैना में एंदल सिंह कंसाना और रघुराज कंसाना को टिकट देकर भाजपा ने गुर्जरों को साधने की कोशिश की है। ऐसी ही स्थिति पटेल व राव उदयप्रताप सिंह की भी है। दोनों को नरसिंहपुर जिले की क्रमश: नरसिंहपुर व गाडरवारा सीट से उतारा है। इस जिले में 2018 में कांग्रेस 3-1 से आगे थी।
बहरहाल, भाजपा की तीन सूचियों से यह संकेत तो देने की कोशिश की गई है कि वह इस बार कांग्रेस के बड़े गढ़ को चुनौती दे रही है। साथ ही बड़े चेहरों को मैदान में उतारकर मिशन-2023 को बूस्टर डोज भी कार्यकर्ताओं को लगा दिया है। हालांकि तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ सांसदों को विधानसभा का टिकट देने से उन अटकलों को भी बल मिल गया है कि भाजपा इस समय उम्मीदवारों का क्राइसिस झेल रही है और कई कोशिशों के बाद भी कार्यकर्ता ठंडा पड़ा हुआ है।
भाजपा की तीन सूची में 79 उम्मीदवार घोषित हो गए हैं। उम्मीदवार उन सीटों के हैं, जिन्हें कांग्रेस लंबे समय से जीत रही है। इनमें 45 साल, 32-30 या 25-20 और 10 साल से अधिक समय से जीतने वाली सीटों की संख्या 17 है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में भाजपा कमजोर हैं, वहां बड़े चेहरे देकर माहौल बनाने का प्रयास किया गया है।
क्षेत्र भी साधने का प्रयास
विंध्य में दो सांसद गणेश सिंह व रीति पाठक को टिकट मिला है। एक माह पहले रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ला को कैबिनेट में जगह मिली है। साफ है कि यहां की 30 सीटों को भाजपा संभालना चाहती है। महाकौशल में तो चार सांसदों राकेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, राव उदयप्रताप सिंह और प्रहलाद पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है। ग्वालियर-चंबल में सांसद नरेंद्र सिंह तोमर जैसे बड़े चेहरे दिए हैं। भाजपा को उम्मीद है कि इनके आने से पार्टी के पक्ष में समीकरण बनेंगे। क्योंकि दिल्ली को यही क्षेत्र बार-बार कमजोरी का संकेत दे रहे थे।
भाजपा ने मप्र के पांच केंद्रीय मंत्रियों में से तीन को टिकट दे दिया है। चार सांसदों के साथ राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी प्रत्याशी बनाया गया है। विजयवर्गीय पहले पूरे मालवा में घूमते, अब इंदौर में उनका ज्यादा वक्त निकलेगा।
इधर, सीएम बोले- सारे दिग्गज लड़ेंगे चुनाव
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा की दूसरी सूची में बड़े नामों को लेकर कहा कि सभी सीनियर लीडर विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। सीएम के इस बयान को उन अटकलों से जोड़कर देखा जा रहा, जिसमें उनके चुनाव नहीं लड़ने की बात है। उनकी विधानसभा सीट पर पुत्र कार्तिकेय इस समय सक्रिय हैं। दूसरी सूची में शामिल बड़े नेताओं को टिकट मिलने से संकेत हैं कि चुनाव नतीजों के बाद के बड़े फैसलों में ये नेता पहली कतार में खड़े रहेंगे।
भाजपा की तीन सूची में शामिल कांग्रेस के प्रभाव वाली सीट
- 45 साल से राघौगढ़ : 1977 से दिग्विजय सिंह, उनके भाई लक्ष्मण सिंह फिर बेटे जयवर्धन और उन्हीं के समर्थक एक मूलसिंह जीते हैं।
- 32 साल से लहार : गोविंद सिंह 1990 से लगातार 7 बार से विधायक हैं
- 30 साल से पिछोर : केपी सिंह 1993 से लगातार 6 बार विधायक हैं।
- 25 साल से उत्तर भोपाल : आरिफ अकील, 1998 से लगातार 5 बार से विधायक हैं।
- 20 साल से राजनगर (छतरपुर) : कुंवर विक्रम सिंह 2003 से लगातार विधायक हैं।
15 साल से
- राजपुर : 2008 से बाला बच्चन लगातार विधायक हैं। इससे पहले 1993 और 1998 में भी जीत चुके हैं। भाजपा सिर्फ 2003 में ही जीती थी।
- भितरवार – 2008 से लाखन सिंह विधायक हैं। 1998 में भी जीते थे। भाजपा सिर्फ 1990 और 2003 में यहां जीत पाई है।
- डबरा – 2008 में अजा वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद से लगातार कांग्रेस काबिज है।
- गंधवानी – 2008 से उमंग सिंघार विधायक हैं।
10 साल से
- लांजी – 2013 से लगातार हिना कावरे विधायक हैं।
- राऊ – 2013 से जीतू पटवारी लगातार विधायक हैं।
- कसरावद – 2013 से सचिन यादव विधायक है।
- देवरी – 2013 से हर्ष यादव विधायक हैं।
- भीकनगांव – 2013 से झूमा सोलंकी काबिज है।
- सिंहावल – 2013 से कमलेश्वर पटेल काबिज हैं।
यहां भी कांग्रेस मजबूत
- शाजापुर – भाजपा सिर्फ 2013 में यहां से जीती थी, इसके अलावा 1993 से अब तक हुकुम सिंह कराड़ा पांच बार से जीतते आ रहे हैं।
- झाबुआ – कांतिलाल भूरिया 1980 से 1998 तक लगातार 4 बार जीते। 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद विधानसभा उपचुनाव 2018 में पांचवी बार विधायक बन गए।
तीसरी सूची… 8 दिन पहले पार्टी में आईं मोनिका को भाजपा ने छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से उतारा
भाजपा ने मोनिका शाह बट्टी (33) को छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट (एसटी) से उतारा है। मोनिका ने 19 सितंबर को ही भाजपा की सदस्यता ली थी। मोनिका अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे व पूर्व विधायक स्वर्गीय मनमोहन शाह बट्टी की बेटी हैं।