मध्यप्रदेश

MP 12वीं में रीवा की अंशिका मिश्रा, विदिशा की मुस्कान दांगी टॉपर: 35.51% स्टूडेंट्स फेल: मेरिट में भोपाल के 13, इंदौर का एक स्टूडेंट

भोपाल डेस्क :

माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्यप्रदेश ने 12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस साल 64.49 प्रतिशत स्टूडेंट पास हुए हैं। रीवा की अंशिका मिश्रा ने मैथ्स साइंस स्ट्रीम में 500 में से 493 और विदिशा की मुस्कान दांगी ने भी कॉमर्स में 493 नंबर हासिल कर ओवरऑल टॉप किया है। वहीं, शाजापुर के जयंत यादव आर्ट स्ट्रीम और सिवनी की सना अंजुम खान बायोलॉजी में टॉपर रहीं।

6 संकाय में कुल 132 स्टूडेंट्स ने स्टेट मेरिट लिस्ट में जगह बनाई हैं। इनमें सर्वाधिक 13 स्टूडेंट भोपाल के हैं, जबकि इंदौर से एक स्टूडेंट है।

रेगुलर स्टूडेंट्स में 60.55 प्रतिशत लड़के जबकि 68.43 प्रतिशत लड़कियां पास हुई हैं। इस साल पिछले साल की तुलना में 9.23 प्रतिशत स्टूडेंट ज्यादा पास हुए हैं। 2023 में 55.26 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए थे। 2024 में 12वीं में 18 लाख 22 हजार स्टूडेंट्स शामिल हुए हैं।

मेरिट लिस्ट में कुल 132 स्टूडेंट

6 संकायों की स्टेट मेरिट लिस्ट में कुल 132 स्टूडेंट्स ने जगह बनाई है। इनमें सबसे ज्यादा 13 स्टूडेंट भोपाल के हैं जबकि इंदौर से केवल 1 स्टूडेंट का नाम है।

रिजल्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की वेबसाइट और MPBSE MOBILE APP पर देख सकते हैं। 12वीं की बोर्ड परीक्षा 6 फरवरी से शुरू होकर 5 मार्च तक चली थीं। प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुल 7,501 परीक्षा केंद्रों पर 8 लाख 57 हजार स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी।

12वीं बोर्ड के फेल छात्रों के लिए सप्लीमेंट्री एग्जाम 08 जून 2024 को लिया जाएगा।

लड़कों से बेहतर लड़कियों ने किया परफॉर्म

पिछले 6 सालों के रिजल्ट में लड़कियों का परफॉर्मेंस लड़कों से बेहतर रहा है। 2019 में जहां छात्राओं का प्रतिशत 73 से अधिक रहा तो वहीं छात्रों का प्रतिशत 68 से अधिक रहा। 2023 में छात्राओं का परफॉर्मेंस 58 प्रतिशत से अधिक रहा ताे छात्रों का प्रतिशत कुल 52 ही रह गया। वहीं, 2024 में 68 प्रतिशत से ज्यादा छात्राएं पास हुई हैं जबकि 60.55 प्रतिशत छात्र ही सफल हो पाए।

लगातार 3 साल से प्राइवेट स्कूलों का परफॉर्मेंस सरकारी स्कूलों से बेहतर

पिछले 6 सालों की बात की जाए तो 2024, 2023 और 2022 में प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट सरकारी स्कूलों से बेहतर रहा है। 2019 में जहां सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 74.38 प्रतिशत था तो प्राइवेट स्कूलों का प्रतिशत 67.55 रहा। 2020 में सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 71.43 प्रतिशत था जबकि प्राइवेट स्कूलों का प्रतिशत 64.93 रहा। 2021 में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट एक जैसा 100 प्रतिशत आया था।

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