
आनंदपुर डेस्क :
जैन समाज के द्वारा जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याण दिवस पर माताओं के शांति कल्याण विधान के बाद नगर में भगवान की शोभायात्रा निकाली गई।मयंक जैन ने बताया कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्म चैत्र कृष्ण नवमीं के दिन सूर्योदय के समय हुआ। उन्हें जन्म से ही संपूर्ण शास्त्रों का ज्ञान था,भगवान आदिनाथ को ऋषभदेव, ऋषभनाथ के नाम से भी जाना जाता है,

वह अवसर्पिणी काल के प्रथम दिगंबर जैन मुनि थे। उन्हीं के द्वारा खेती करना सिखलाया गया एवं उन्हीं के समय से अक्षर एवं गिनती का ज्ञान प्रारंभ हुआ था।भगवान आदिनाथ का जन्म अयोध्या में हुआ था,वह इक्ष्वाकु वंश के थे। उनकी 102 संतानें थीं, जिनमें 100 पुत्र थे और दो पुत्रियां थीं। भगवान आदिनाथ के पुत्र भरत प्रथम चक्रवर्ती हुए। उन्होंने ब्राह्मण वंश की स्थापना की।आज जैन मंदिर में आर्यिका 105 प्रतिभामती माताजी और उनकी सहयोगी माताओं के सानिध्य में शांति कल्याण विधान के बाद भगवान आदिनाथ की शोभायात्रा निकाली गई जिसमें सभी समाजजन उपस्थित रहे।




