भोपाल

शासकीय विभागों के क्रय में राज्य में निर्मित सामग्री को प्राथमिकता दी जाए मुख्यमंत्री ने की सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की समीक्षा, जिला कलेक्टर को दिए निर्देश

कलस्टर निर्माण की प्रक्रिया को गति देंखाद्य प्र-संस्करण और कृषि से संबंधित स्टार्टअप्स में हैं पर्याप्त संभावनाएँ

रोजगार और स्व-रोजगार राज्य शासन की प्राथमिकता – मुख्यमंत्री

भोपाल डेस्क : 

प्रदेश में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं में शुरू होने वाले 17 कलस्टर्स निर्माण की प्रक्रिया एक माह में आरंभ की जाए। रोजगार और स्व-रोजगार राज्य शासन की प्राथमिकता है। फार्मा, फर्नीचर, रेडीमेड गारमेंट, फूड-प्रोसेसिंग और खिलौना निर्माण में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन होता है। इन कलस्टर्स का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से पूरा करें। औद्योगिक पार्कों के निर्माण की प्रक्रिया को भी गति दी जाए। साथ ही केवल रोजगार ही नहीं स्व-रोजगार के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से युवाओं को जोड़ने के लिए सुविधाजनक वातावरण और युवाओं को आवश्यक प्रोत्साहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। स्व-रोजगार योजनाओं में अनुदान की राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में ऑनलाइन हस्तांतरित करने के लिए पोर्टल अपग्रेडेशन का कार्य शीघ्र पूर्ण करें। सभी जिला कलेक्टर प्रतिमाह होने वाले रोजगार दिवस में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ें।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय विभागों के क्रय में गुणवत्ता से समझोता किए बिना राज्य में निर्मित सामग्री को प्राथमिकता दी जाए। इससे राज्य के उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए बेहतर इको सिस्टम विद्यमान है, खाद्य प्र-संस्करण और कृषि से संबंधित स्टार्टअप्स की पर्याप्त संभावनाएँ विद्यमान हैं। इस क्षेत्र में विभिन्न विभागों में परस्पर समन्वय से कार्य को गति दी जाए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना और मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति में निवेश पर सहायता जैसी योजनाओं का लाभ लेने में युवाओं को कोई समस्या नहीं आए।

जानकारी दी गई कि “एक जिला-एक उत्पाद” योजना में निर्मित सामग्री को ई-कॉमर्स कम्पनियों के साथ जोड़ने की दिशा में वॉलमार्ट वृद्धि के साथ एम.ओ.यू. किया जा चुका है। हेमलेज, फर्स्ट क्राय आदि से भी बातचीत जारी है।

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